ईको-फ्रेंडली कैंपस के रूप में विकसित हो रहा खैरागढ़ विश्वविद्यालय, प्रत्येक शनिवार को पेट्रोल-डीजल चलित वाहन प्रतिबंधित

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विशविद्यालय खैरागढ़ (Indira Kala Sangeet Vishwavidyalaya Khairagarh) में ग्रीष्मकालीन अवकाश की अवधि का पूरा सदुपयोग किया जा रहा है। विश्वविद्यालय परिसर की साफ-सफाई के लिए वैसे तो नियमित व्यवस्था सक्रिय है, लेकिन जैसे ही ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंम्भ हुआ, वैसे ही परिसर की स्वच्छता, सौन्दर्यीकरण और पर्यावरण की दृष्टि से ज़रूरी विभिन्न गतिविधियां तेज कर दी गई हैं। ताकि शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के बाद इन कार्यों के कारण शैक्षणिक गतिविधियां बाधित न हों और विद्यार्थियों को असुविधा का सामना न करना पड़े। इसी कड़ी में, विश्वविद्यालय परिसर के लगभग 10 भवनों का नामकरण करते हुए उन भवनों के द्वार पर आकर्षक एलईडी बोर्ड लगाए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय (Indira Kala Sangeet Vishwavidyalaya Khairagarh) की कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर की मंशानुसार कैम्पस में इको-फ्रेंडली वातावरण बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार के उपक्रम नियमित रूप से जारी हैं। इसके अंतर्गत स्वच्छता और पेड़-पौधों की देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विशविद्यालय के भवन निर्माण प्रभाग के द्वारा पर्यावरण के अनुुकुल सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय के 10 भवनों के द्वार पर आकर्षक एलईडी बोर्ड लगाए गए हैं। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विनोद डोंगरे ने बताया कि कला, संस्कृति और साहित्य की महान विभुतियों को समर्पित करते हुए विश्वविद्यालय के इन भवनों का नामकरण किया गया है।

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विदित हो कि 06 मार्च 2023 को कुलपति डॉ. चन्द्राकर की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें कुलसचिव, सभी अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष मौजूद थे। उक्त बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों में यह भी शामिल था कि विश्वविद्यालय परिसर को पर्यावरण के अनुकुल बनाने की दिशा में और भी जरूरी कदम उठाए जाएँ तथा नियमित रूप से उनकी समीक्षा की जाए। उक्त निर्णय के परिपेक्ष्य में कुलसचिव प्रो. डॉ. आईडी तिवारी ने एक आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक अब प्रत्येक शनिवार को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय-1 में पेट्रोल/डीजल से चलित वाहनों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा, किन्तु साइकिल की अनुमति होगी। यह आदेश समस्त/शिक्षक/अधिकारी/संगतकार/कर्मचारी एवं विद्यार्थियों के लिए लागू होगा। कार्बन उत्सर्जी उपकरणों के इस्तेमाल पर नियंत्रण रखते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विश्वविद्यालय प्रबंधन का यह एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है।

कला के विविध रूपों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए पूरे एशिया में विख्यात इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ (Indira Kala Sangeet Vishwavidyalaya Khairagarh) सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति भी सजगता और तत्परता का एक अनुकरणीय उदाहरण है। जनसंपर्क अधिकारी विनोद डोंगरे ने बताया कि यहाँ क्लाइमेट चेंज और उसके प्रभावों पर केंद्रित दो-दो राष्ट्रीय संगोष्ठियां आयोजित की गयीं। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘जी-20 भारत 2023’ की परिकल्पना के अनुरूप विश्वविद्यालय के हिन्दी, अंग्रेजी और आजीवन शिक्षा विभाग द्वारा दो नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित कराए गए। कई पर्यावरण विशेषज्ञ, एनवायरनमेंट एक्टिविस्ट, टीचर्स, स्टूडेंट्स और रिसर्चर्स इन आयोजनों के साक्षी बने। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिवार समय-समय पर सामाजिक संस्थाओं के साथ सहभागी होकर ऐसे अभियानों में अपनी अग्रणी भूमिका दर्ज कराता रहा है।

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