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12 साल के बच्चे पर लगाया गया 2.9 लाख का जुर्माना, जानिए क्या है पूरा मामला

Khargone Danga Action: MP के खरगोन में 12 साल के बच्चे को 2.9 लाख रुपए का नोटिस भेजने का मामला सामने आया है। एक महिला की शिकायत पर ट्रिब्यूनल ने ये नोटिस जारी किया है। महिला का आरोप है कि दंगे में उसका सब कुछ खाक हो गया, जिसकी वजह ये लड़का और इसका दोस्त बना। इधर, बच्चे की मां बोली कि मेरा बेटा बेकसूर है। वह तो 8वीं में पढ़ता है। हम ये रकम कहां से भरेंगे, हमने तो कभी लाख रुपए भी एक साथ नहीं देखे हैं। 

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जानकारी लिए बता दें कि खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन दंगा भड़का था। इस दौरान तालाब चौक, काजीपुरा, आनंद नगर समेत तमाम इलाकों में हिंसा भड़की और रामनवमी जुलूस पर पथराव किया गया था। साथ ही जमकर तोड़तोड़ हुई। आगजनी में कई घर, दुकानें तबाह हो गईं। 20 दिन से ज्यादा कर्फ्यू लगा और हिंदू-मुस्लिम घरों के बीच दीवार खड़ी कर दी गईं, ताकि दोनों एक-दूसरे के इलाकों में न जा सकें। (Khargone Danga Action)

सात लोगों को भेजा गया नोटिस

इस दंगे में उपद्रवियों ने निजी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। नुकसान की भरपाई के लिए मध्यप्रदेश प्रिवेंशन एंड रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था। दंगा पीड़ित एक महिला सुनीता गांगले ने अगस्त महीने में यहां शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर 12 साल के लड़के समेत सात अन्य को नोटिस जारी किया गया। जुर्माने की वसूली नाबालिग के माता-पिता से की जाएगी। (Khargone Danga Action)

 

पीड़ित महिला ने लगाए ये आरोप

दंगा प्रभावित इलाके आनंद नगर में एक घर सुनीता गांगले का भी है। सुनीता के घर के एक तरफ मुस्लिम बस्ती है। वहीं दूसरी तरफ हिंदू बस्ती है। दंगे वाले दिन को याद करते हुए उन्होंने बताया कि जावेद, नासिर, आशिक, सद्दाम, शोएब, और वो लड़का इन्होंने घर के पीछे से ईंट, पत्थर फेंके। हमारे घर के लिए दो हजार ईंट बुलाई गई थी। वहीं ईंट हम पर ही मारते रहे। दरवाजा तोड़ डाला। घर की पेटी लूट ले गए, फिर घर में पेट्रोल बम फेंककर आग लगा दी। (Khargone Danga Action)

महिला ने दी घटना के दिन के बारे में जानकारी

सुनीता ने बताया कि दंगे करने वाला इकबाल बाली चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा था कि किशन बा का घर मत जलाना। वरना जावेद का घर भी जल जाएगा। जो सात-आठ लोग थे, वे तब कह रहे थे कि ये विक्की यानी सुनीता गांगले का बेटा का घर है। मारो इसे पूरा बर्बाद कर दो। इनकी पत्नियों को ले आओ। सुनीता गांगले ने बताया कि हमारी ‘उनसे कोई दुश्मनी नहीं थी। उनके घरों के बीच तीन हिंदू परिवार और रहते थे, उन्हें बख्श दिया। क्योंकि उनके खुद के घर भी जल जाते।

पैसे लूटने और आग लगाने का आरोप

उन्होंने कहा कि आग में हमारा सब खत्म हो गया। रुपए-पैसे लूटकर आग लगा गए। और तो और दो बच्चे हमारे घर के बाहर आए। वहां लगी पानी की मोटर के पाइप में पत्थर भर गए, ताकि हम तत्काल आग भी नहीं बुझा पाएं। इसीलिए उस लड़के के खिलाफ शिकायत की है। वे घर में दंगे से पड़े निशानों को आज भी बरकरार रखे हुए हैं। वो एक दरवाजे की ओर इशारा करते हुए कहती हैं कि अगर ये दरवाजा नहीं होता तो सोचिए क्या होता। कल्पना भी कर सकते हैं कि क्या हम बच जाते।(Khargone Danga Action)

मां ने बेटे को बताया बेकसूर 

12 साल के लड़के की मां रानू कालू खान का कहना है कि मेरे बेटे को क्यों कसूरवार बता रहे हैं। वह तो 8वीं में पढ़ता है, जिस दिन से नोटिस मिला है, उसने हमारे साथ रहना बंद कर दिया है। वो अब दूसरी जगह रहता है, यहां आता ही नहीं। इतना सदमे में है कि क्या बताऊं। मेरे पति कालू को भी नोटिस दिया है। अब आप बताइए कि कहां से लाएंगे इतने पैसे। हम मजदूरी करते हैं, जो हजार-पांच सौ मिलते हैं, उसी से घर चलता है। कभी एक लाख रुपए भी साथ नहीं देखे तो इतना रुपया कहां से भरेंगे। छह से सात लाख रुपए के नोटिस दिए हैं। (Khargone Danga Action)

माता-पिता को देने होंगे पैसे

बता दें कि नोटिस में लड़के की उम्र का भी जिक्र किया गया है। ट्रिब्यूनल के सदस्यों के मुताबिक ये कार्रवाई नियम-कानून के अनुसार ही की गई है। उन्होंने कहा कि अगर यह आपराधिक मामला होता तो बच्चे को किशोर न्याय अधिनियम का संरक्षण मिलता। हम दीवानी प्रकृति के मामलों पर फैसला सुना रहे हैं। यह सिर्फ वसूली के बारे में है, न कि सजा देने के। उन्होंने कहा कि रुपए बच्चे के माता-पिता को देने होंगे, क्योंकि वहीं उसके लिए जिम्मेदार हैं। नोटिस मिलने के बाद लड़के की ओर से वकील ने हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में याचिका दायर की थी।

ट्रिब्यूनल में खारिज किया गया आवेदन

हाईकोर्ट ने 12 सितंबर को ट्रिब्यूनल में जाने का विकल्प दिया। इसके बाद नाबालिग की मां की तरफ से ट्रिब्यूनल में आवेदन दिया। आवेदन में कहा गया कि उस पर अपराध का आरोप नहीं लगा है, ऐसे में उसे कानून के उल्लंघन का आरोपी नहीं बनाया जा सकता। हालांकि ट्रिब्यूनल में आवेदन को खारिज कर दिया गया। दंगों के दौरान नाबालिग पर तोड़फोड़ और आगजनी का भी आरोप लगा है। शिकायतकर्ता ने उसको नामजद किया है। साथ ही वकील यह साबित नहीं कर सके की वह भीड़ में नहीं था। खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद सरकार जागी है। इस दंगे में कई प्राइवेट और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। (Khargone Danga Action)

कानून के तहत लिया जाएगा एक्शन 

आरोपियों से इस नुकसान की वसूली की जाएगी। जो ‘संपत्ति नुकसान वसूली कानून’ के तहत होगी। मध्यप्रदेश में अब सांप्रदायिक दंगे, हड़ताल, धरना- प्रदर्शन या जुलूस के दौरान पत्थरबाजी करने वाले या सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ इस कानून के तहत एक्शन लिया जाएगा। विधानसभा में इस विधेयक को मंजूरी मिल गई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि यह विधेयक ऐसे लोगों के लिए बनाया गया है, जो दंगे के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। बता दें कि MP में अपराध लगातार बढ़ रहा है। (Khargone Danga Action)

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