कूनो नेशनल पार्क से फिर आई बुरी खबर, मेल चीते तेजस ने तोड़ा दम, 4 महीने के अंदर 7 की गई जान

Kuno Cheetah Death: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच एक और मेल चीते तेजस की मौत हो गई। उसकी गर्दन पर घाव को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि चीतों के आपसी संघर्ष में तेजस की जान गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख जेएस चौहान ने पुष्टि करते हुए कहा कि तेजस की गर्दन पर घाव मिला हैं, जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसकी मौत आपसी संघर्ष के दौरान हुई है।  बता दें कि कूनो में 4 महीने के अंदर अब तक 7 चीतों की मौत हो चुकी है। 

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बता दें कि भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई थी। पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। यानी कुल मिलाकर नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे। वहीं नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले तीन चीतों और फिर एक एक कर 3 चीता शावकों की मौत हो गई। वहीं 11 जुलाई को एक और मेल चीते ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद कूनो में चीतों की संख्या अब 18 रह गई है। (Kuno Cheetah Death)

कूनो प्रबंधन पर लगातार उठ रहे सवाल

जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले 26 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हुई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने दम तोड़ दिया था। वहीं 9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत हो गई थी। जबकि 23 मई को नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत हुई। इसी तरह 25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की जान चली गई। वहीं अब फिर एक और मेल चीते तेजस की मौत हो गई है, जिसकी वजह से कूनो प्रबंधन पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। लगातार हो रही चीतों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की थी। साथ ही चीतों को दूसरी जगह पर शिफ्ट करने की सलाह दी थी। (Kuno Cheetah Death)

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