
Lakhma Liquor Case: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। ED कोर्ट ने लखमा की न्यायिक रिमांड 18 फरवरी तक बढ़ा दी है। दरअसल, कवासी लखमा की पेशी जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। वहीं ACB/EOW की कोर्ट में लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका पर भी सुनवाई हुई, जिस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया है। कल EOW कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगा। बता दें कि 15 जनवरी को लखमा की गिरफ्तारी हुई थी। उन पर शराब घोटाले में पैसे जुटाने का आरोप लगा है।
लखमा पर 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले का आरोप है। आरोपों के मुताबिक कवासी लखमा को 36 महीनों में अवैध सिंडिकेट के माध्यम से 72 करोड़ रुपये मिले थे। यह मामला छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है और ED इसकी जांच कर रही है। ED का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। (Lakhma Liquor Case)
ED का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। हालांकि कवासी लखमा ने कहा था कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को देखते हुए मुझ पर गलत आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि बस्तर के लोगों को मरवा दिया जाता है या तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है। विष्णुदेव सरकार ने योजना बना दिया है कि बस्तर को खाली करों। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। (Lakhma Liquor Case)