सांप के डसने से बच्चे का शरीर हो रहा था लकवाग्रस्त, मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मिला नया जीवन

Manavnik Got New Life: तीन तस्वीरों से समझा जा सकता है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार के प्रयास कैसे लोगों के जीवन में संजीवनी का काम कर रहे हैं। यह तस्वीर 3 साल के मासूम मानविक की है, जिसे जहरीले करैत सांप ने डस लिया था। मरने की हालत में उसे रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए जब भर्ती कराया गया तो सांप का जहर पूरे शरीर में फैल चुका था, उसकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी। शरीर में लकवे का असर दिख रहा था और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। शुरुआती 40 से 42 घंटे तक वह पूरी तरह से होश में नहीं आया था और उसे वेंटिलेटर में रखना पड़ा था।

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रायगढ़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक हफ्ते तक गहन इलाज कर उसकी जान बचाई और नया जीवनदान दिया। करैत भारत में पाए जाने वाले सर्वाधिक जहरीले सांपों में से एक है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जिससे नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। सही समय पर इलाज न मिले तो जान बचने की गुंजाइश कम होती है। ऐसे में एक छोटे मासूम बच्चे की रायगढ़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में मिले उचित इलाज से जान बचाई जा सकी। रायगढ़ के खरसिया ब्लॉक के औरदा गांव के निवासी तुलेश्वर चौहान के 3 साल के बेटे मानविक चौहान को सोते समय घर में सुबह पांच बजे के करीब जहरीले करैत सांप ने दाहिने हाथ की उंगली में काट लिया। (Manavnik Got New Life)

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परिजन बच्चे को सिविल अस्पताल खरसिया लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार कर बच्चे को बेहतर इलाज के लिए संत बाबा गुरु घासीदास स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ में रेफर कर दिया। बच्चे को सुबह लगभग 8 बजे के आसपास संत बाबा गुरु घासीदास स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ के आपातकालीन विभाग में बहुत गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया। बच्चे के शरीर में सांप का जहर फैल चुका था, बच्चे की आंखों की दोनों पलकों में लकवा मार चुका था, सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, मुंह से झाग आ रहा था, बच्चे के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए थे। साथ ही नाड़ी भी कमजोर हो रही थी। (Manavnik Got New Life)

बच्चे को आपातकालीन विभाग में ही बाल्य और शिशुरोग विभाग के आपातकालीन ड्यूटी में उपस्थित डॉक्टरों ने त्वरित इलाज शुरू कर चिकित्सकों की आपातकालीन टीम द्वारा ICU वार्ड में शिफ्ट किया गया। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ.एल. के. सोनी, विभागाध्यक्ष बाल्य और शिशुरोग के नेतृत्व में डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सों की टीम के अथक प्रयासों से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हुआ। बच्चे के शरीर में सांप के जहर का असर कम होने के बाद बच्चे को 3 दिन के बाद वेंटिलेटर से बाहर निकाला गया। वेंटिलेटर से बाहर निकलने के बाद बच्चे के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ। एक हफ्ते तक चले गहन इलाज से बच्चे के स्वास्थ्य में पूरी तरह सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दिया गया। (Manavnik Got New Life)

परिजनों ने जताया आभार

किसी भी माता पिता के लिए अपने बच्चे को जिंदगी और मौत से लड़ते देखना बहुत हृदयविदारक होता है। नन्हा मानविक अपने माता पिता की इकलौती संतान है। करैत के डसने से उसकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि शुरुआती 40 से 42 घंटे तक वह पूरी तरह से होश में नहीं था, लेकिन मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के साथ सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने से उसका बेहतर इलाज संभव हुआ। पिता तुलेश्वर चौहान कहते हैं कि डॉक्टरों के प्रयासों से उसके बच्चे की मुस्कान वापस लौट आई। बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है। (Manavnik Got New Life)

स्वास्थ्य बजट को दोगुना करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य बजट को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। स्वस्थ छत्तीसगढ़ के लिए यह जरूरी है कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कुशल चिकित्सकों के हाथों में रहे, लेकिन आज से 24 साल पहले छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक शासकीय मेडिकल कॉलेज था, जिसमें मात्र 100 MBBS की सीटें थी। बीते 24 सालों में राज्य में शासकीय मेडिकल कॉलेजों की संख्या 1 से बढ़कर 10 हो गई है और MBBS की सीटें भी बढ़कर 1460 हो गयी हैं। शासकीय मेडिकल कॉलेजों में 291 स्नातकोत्तर की सीटें भी बढ़ी है, जिससे राज्य को विशेषज्ञ चिकित्सक मिल रहे हैं। (Manavnik Got New Life)

सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों का काम जारी

वो छत्तीसगढ़ जो 1 नवंबर 2000 को जन्म लेते समय बीमारू राज्य का दर्जा रखता था, वो आज बीते जमाने की बात हो गयी है। वर्तमान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ये बात भली भांति समझती है कि भारत की तर्ज पर छत्तीसगढ़ को भी 2047 तक विकसित राज्य बनाना है तो स्वास्थ्य ही वो पहली कड़ी है, जो राज्य को सक्षम और समृद्ध बनाएगा। खुशी की बात ये है कि राज्य की वर्तमान सरकार इस पर लगातार प्रयास कर रही है और इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य सेवाओं को सजग रूप से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। राज्य स्तर पर डीकेएस और मेकाहारा जैसे अस्पताल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हो रहे हैं तो वहीं संभाग स्तर पर सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों का काम जारी है। इसी तरह से जिले और ब्लाक स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर राज्य के लोगों की सेहत का विशेष ध्यान रख रहे हैं। (Manavnik Got New Life)

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