Mani Shankar Aiyar : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने इसे अपने जीवन की विडंबना बताया है कि गांधी परिवार ने ही उनका राजनीतिक करियर बनाया और गांधी परिवार ने उसे खत्म भी किया।
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अय्यर ने यह भी कहा कि 10 साल तक उन्हें एक बार के अलावा सोनिया गांधी से अकेले मिलने या राहुल गांधी के साथ कोई सार्थक समय बिताने का मौका नहीं दिया गया। हम आपको बता दें कि ‘जगरनॉट’ द्वारा प्रकाशित अपनी आगामी पुस्तक ‘‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ पर एक समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में अय्यर ने कहा कि उन्हें ‘सब कुछ मिला’ लेकिन अंत में वह ‘पार्टी में पूरी तरह से अलग-थलग’ पड़ गए। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अब भी पार्टी के सदस्य हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘मैं कभी नहीं बदलूंगा, और मैं निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नहीं जाऊंगा।
गांधी परिवार के संरक्षण के बारे में पूछे जाने पर अय्यर ने कहा, ‘‘यदि आप एक व्यक्ति के रूप में राजनीति में सफल होना चाहते हैं, तो आपके पास एक बहुत मजबूत आधार होना ही चाहिए। या तो आपके पास एक निर्वाचन क्षेत्र हो जहां आप कभी हारे नहीं हों या आप अपराजेय हों, या आपका कोई जातिगत या धार्मिक आधार हो, मेरे पास इनमें से कुछ भी नहीं था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे केवल संरक्षण प्राप्त था। मुझे (पूर्व) प्रधानमंत्री राजीव गांधी का समर्थन प्राप्त था। तब मुझे सोनिया गांधी का भी समर्थन प्राप्त था। लेकिन राजनीति में रहने के लिए यह एक बहुत ही अनिश्चित आधार है। इसलिए जब सोनिया गांधी गुस्सा हो गईं 2010 में, तो वह संरक्षण वापस ले लिया गया। हालांकि, इसे अभी तक पूरी तरह वापस नहीं लिया गया है।’’ अय्यर ने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर सोनिया गांधी के मन में उनके प्रति कुछ स्नेह अब भी है।
उन्होंने साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘तो यह बहुत धीमी गिरावट थी। लेकिन यह गिरावट लगभग 15 वर्षों की अवधि में हुई… और फिर, एक बार जब राहुल गांधी आए तो मुझे लगा कि यह बढ़ने वाला है। क्योंकि उन्होंने मुझसे कहा था जहां वह मुझसे 75 प्रतिशत सहमत हुआ करते थे, वहां उन्होंने कहा कि अब मैं आपसे 100 प्रतिशत सहमत हूं।’’ अय्यर ने कहा, ‘‘और फिर उन्होंने अपनी मां से कांग्रेस में मेरे एकमात्र पद से मुझे हटाने के लिए कहकर यह साबित कर दिया कि वह मुझसे 100 प्रतिशत सहमत हैं। यह पार्टी के पंचायती राज संगठन के राष्ट्रीय संयोजक का पद था, जिसका नाम राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। इसके बाद उन्होंने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि आज, मैं पूरी तरह से अलग-थलग हूं।’’ अय्यर ने कहा कि जिस परिवार ने उन्हें अवसर दिया था, उसी परिवार ने उनसे वह अवसर वापस ले लिया।
मैं निलंबित हूं…बात नहीं कर सकता
उन्होंने कहा कि मैं उनसे (प्रियंका गांधी) मिला और वह हमेशा मेरे प्रति बहुत दयालु रही हैं। मैंने सोचा कि चूंकि राहुल का जन्मदिन जून में था, इसलिए मैं उनसे राहुल को मेरी शुभकामनाएं देने के लिए कह सकता हूं। अय्यर के अनुसार, जब प्रियंका गांधी ने पूछा कि वह खुद राहुल गांधी से बात क्यों नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं निलंबित हूं और इसलिए मैं अपने नेता से बात नहीं कर सकता।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी को एक पत्र लिखा था – एक इशारा जो जन्मदिन की बधाई के साथ शुरू हुआ था, लेकिन उनके निलंबन पर स्पष्टता भी मांगी, लेकिन उस पत्र का जवाब नहीं मिला।