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छत्तीसगढ़ अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग संघ के प्रांताध्यक्ष पद पर मनोज वैष्णव हुए निर्वाचित

Manoj Vaisnav Raipur “State President” : छत्तीसगढ़ अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग संघ के प्रांताध्यक्ष के चयन के लिए आज रायपुर में चुनाव संपन्न हुआ। चुनाव अधिकारी पुष्पेंद्र चंद्रा द्वारा आयोजित इस निर्वाचन में पूरे प्रदेश से अधीनस्थ लेखा सेवा के अधिकारियों ने भाग लिया। इस चुनाव में मनोज वैष्णव को प्रांताध्यक्ष के पद पर निर्वाचित किया गया। उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा।

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मनोज वैष्णव वर्तमान में ऑडिट सेल, संचालनालय कोष लेखा, इंद्रावती भवन, नवा रायपुर में पदस्थ हैं और 2017 बैच से जुड़े हुए हैं। प्रांताध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्होंने संगठन के समस्त अधिकारियों का धन्यवाद व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि वे संगठन की सेवा और विकास के लिए निरंतर कार्यरत रहेंगे और अधिकारियों के हितों को प्राथमिकता देंगे।

यह निर्वाचन छत्तीसगढ़ के अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग संघ के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें प्रदेशभर के अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और वैष्णव को अपना समर्थन प्रदान किया।

अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग में नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष की आगामी कार्य योजना:

1. संगठन को सुदृढ़ और समृद्ध बनाना: संघ की मजबूती के लिए सत प्रतिशत सदस्यता अभियान चलाना ताकि संगठन अपनी मांगों को पूरी शक्ति और एकता के साथ प्रस्तुत कर सके।

2. एसएएस अधिकारियों को सम्मान दिलाना: एसएएस अधिकारियों को उनके पद की गरिमा के अनुरूप सम्मान दिलाने के लिए वित्त निर्देश 01/2023 को सख्ती से लागू करवाना, ताकि उन्हें उनकी पद-गरिमा के अनुसार कार्य और सम्मान प्राप्त हो।

3. राजपत्रित पद और 4400 ग्रेड पे लागू करना: संघ का उद्देश्य एसएएस अधिकारियों को राजपत्रित घोषित करवाना और 4400 ग्रेड पे लागू कराने के लिए शासन को प्रस्ताव प्रस्तुत करना है। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

4. सीआर में प्रतिकूल टीप से मुक्ति दिलाना: एसएएस अधिकारियों को वित्तीय मामलों में सचेतक रूप में स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना। इसके तहत सीआर में प्रतिवेदक के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियों से सीआर खराब होने के डर से मुक्ति दिलाना और अन्य विकल्प तलाशना ताकि अधिकारी निर्भीकता से वित्तीय आपत्तियों को प्रस्तुत कर सकें।

5. संघ का त्वरित समाधान और सहयोग: सभी साथियों को संघ की आवश्यकता के अनुरूप संभाग स्तर पर समस्याओं का त्वरित समाधान उपलब्ध कराने पर जोर देना, ताकि अधिकारियों को तुरंत संघ का सहयोग और सुविधा प्राप्त हो सके।

यह कार्य योजना संगठन को सशक्त बनाने और सदस्यों के अधिकारों के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगी।

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