जिले के दो उप स्वास्थ्य केंद्र को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण पत्र

National Quality Certificate: भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रदेश के तीन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण पत्र से नवाजा गया है। इनमें धमतरी जिले के दो उप स्वास्थ्य केन्द्र नगरी के गेदरा और कुरूद के गाड़ाडीह शामिल है। मिली जानकारी के मुताबिक भारत सरकार द्वारा यह गुणवत्ता प्रमाण पत्र स्वास्थ्य संस्थाओं को उनके द्वारा मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदाय करने के लिए दिया जाता है। इसके तहत जिला स्तरीय मूल्यांकन के बाद राज्य स्तरीय मूल्यांकन किया जाता है। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों का नामांकन किया जाता है।

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इसी कड़ी में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कुरूद के गाड़ाडीह और नगरी के गेदरा का राष्ट्रीय दल ने 20 और 21 सितम्बर को मूल्यांकन किया। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों में ओपीडी, आईपीडी, लेबर रूम, लेबोरेटरी, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन, राष्ट्रीय कार्यक्रम के विभिन्न बिन्दुओं के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इसमें धमतरी जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्र गेदरा को 90 प्रतिशत और गाड़ाडीह को 94 प्रतिशत स्कोर मिला। (National Quality Certificate)

प्रमाण पत्र मिले इन संस्थाओं को प्रोत्साहन राशि के तोर पर हर साल दो लाख 25 हजार रूपये और प्रमाण पत्र प्रदाय किया जाएगा, जिसका उपयोग संस्था द्वारा जरूरत के मुताबिक सेवाओं के विस्तार के लिए किया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले सिविल अस्पताल नगरी और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चटौद को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण पत्र मिल चुका है। (National Quality Certificate)

बता दें कि छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर (MMR) में बड़ी गिरावट आई है। राज्य शासन द्वारा मातृ और शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने के कारण साल 2016 से 2018 के बीच 159 एमएमआर वाले छत्तीसगढ़ का एमएमआर अब घटकर 137 पर पहुंच गया है। प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर का अब तक का यह सबसे न्यूनतम आंकड़ा है। (National Quality Certificate)

भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा 28 नवम्बर को वर्ष 2018 से 2020 के बीच देश में मातृत्व मृत्यु पर विशेष बुलेटिन (SRS – Sample Registration System) जारी किया गया है। इसके मुताबिक तीन सालों में प्रदेश के एमएमआर में 22 अंकों की कमी आई है। एसआरएस के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में प्रति एक लाख जीवित बच्चों के जन्म पर मातृ मृत्यु की दर 159 से घटकर अब 137 हो गई है। (National Quality Certificate)

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