नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की होती है पूजा, कई जगहों पर होगा भंडारा

Navratri Ka Nauwa Din: नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है। नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है।  नवरात्रि का नौवां दिन नवरात्रि पूजा का अंतिम दिन होता है और यह दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है।  उन्हें माता दुर्गा के नौवें अवतार के रूप में पूजा जाता है और उनकी पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है। नवरात्रि का हर दिन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन नौवें दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन से नवरात्रि पूजन का समापन होता है। इस दिन को महा नवमी भी कहा जाता है और इसी दिन कन्या पूजन और हवं भी किया जाता है।

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सिद्धिदात्री मां कमल के फूल पर विराजमान हैं जबकि उनकी सवारी सिंह है। वह लाल कपड़े पहने हुई हैं और उसके चार हाथ हैं। उनके निचले बाएं हाथ में कमल का फूल है जबकि ऊपरी बाएं हाथ में एक शंख विराजमान है। उनके ऊपरी दाहिने हाथ में चक्र है जबकि निचले दाहिने हाथ में एक गदा है। सिद्धिदात्री का अर्थ है- सिद्धि का अर्थ पूर्णता है जबकि दात्री का अर्थ है देने वाला। ऐसा माना जाता है कि माता अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं, इसलिए उन्हें माता सिद्धिदात्री के रूप में पूजा जाता है। (Navratri Ka Nauwa Din)

महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है और इसी दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। नवरात्रि का समापन भी इसी दिन से हो जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 4 अक्टूबर, मंगलवार के दिन है। नवरात्रि के नवम दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि के साथ की जाती है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन प्रदान करती हैं। मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। उनकी पूजा आप यहां बताए विधान से कर सकती हैं। (Navratri Ka Nauwa Din)

करें ये काम

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • स्नान कराने के बाद माता को पुष्प अर्पित करें।
  • मां को रोली या कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • मां को मिष्ठान और फलों का भोग लगाएं। पीले फलों का भोग माता के लिए शुभ माना जाता है।
  • मां सिद्धिदात्री का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • इस दिन मां की आरती अवश्य करें।

बता दें कि  नवरात्रि के नौवें दिन विधि विधान के साथ कन्या पूजन भी किया जाता है। आमतौर पर दस वर्ष से कम उम्र की इस दिन पूजा होती है। कन्याओं को घर में आमंत्रित किया जाता हाउ और उन्हें भोजन आदि कराया जाता है। इसके साथ उन्हें उपहार भी दिया जाता है। कन्या रूप में देवी जी के नौवें रूप की पूजा का प्रतीक माना जाता है। पूजन के बाद मां सिद्धिदात्री की आरती की जाती है और पूजन के साथ ही नवरात्रि का समापन हो जाता है। नवरात्रि के नौवें दिन के बाद दशहरा मनाया जाता है।  (Navratri Ka Nauwa Din)

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