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Ready to eat मामले को लेकर महिला स्व सहायता समूहों की याचिकाएं खारिज

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने रेडी टू ईट (Ready to eat ) भोजन को लेकर राज्य शासन की नयी व्यवस्था को वैध ठहराते हुए महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से दायर सभी 285 रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता सतीश चन्द्र वर्मा ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि उच्च न्यायालय के समक्ष 285 रिट याचिकाएं दायर की गईं थीं। उन्होंने बताया कि याचिकाओं में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत तैयार भोजन और वितरण (Ready to eat ) कार्य छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम के द्वारा कराए जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी 26 नवम्बर वर्ष 2021 की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी।

वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार का यह फैसला बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कल्याण को देखते हुए लिया गया था और इस मामले में उच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद छह अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

महाधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति आर सी एस सामंत की एकल पीठ ने सभी 285 रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया। वर्मा ने बताया कि याचिकाएं स्वयं सहायता समूह की ओर से दायर की गई थी।

उन्होंने बताया कि याचिकाओं की सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि अधिसूचना, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कल्याण के लिए जारी की गई है। साथ ही यह भी बताया गया कि योजना के लागू होने के बाद लाभार्थियों को अधिक पौष्टिक और स्वस्थ भोजन मिलेगा।

महाधिवक्ता ने बताया कि सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि अधिसूचना खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार है और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ नहीं है। राज्य सरकार द्वारा पूरी तरह पारदर्शी कार्यवाही अपनाई गई है।

छत्तीसगढ़ में 22 नवंबर वर्ष 2021 को भूपेश बघेल मंत्रिमंडल ने फैसला लिया था कि राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट पोषण आहार की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए केन्द्रीयकृत व्यवस्था अपनाई जाएगी और इस व्यवस्था में स्वचलित मशीनों के जरिए रेडी टू ईट पोषण आहार का उत्पादन किया जाएगा।

मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया था कि वर्तमान में प्रचलित पूरक पोषण आहार व्यवस्था के अंतर्गत टेक होम राशन में रेडी टू ईट फूड निर्माण और वितरण का कार्य अब कृषि विकास एवं कृषक कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित इकाईयों के माध्यम से किया जाएगा।

बाद में 26 नवंबर वर्ष 2021 को सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया था कि इस व्यवस्था के अंतर्गत वर्तमान में अनुबंधित महिला स्व-सहायता समूहों से रेडी टू ईट के परिवहन एवं वितरण कार्य में सहयोग लिया जाएगा, जिससे उनके आय के साधन में निरंतरता रहेगी।

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