वन नेशन वन इलेक्शन के लिए राष्ट्रपति को सौंपी गई रिपोर्ट, 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश 

One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। कमेटी के सदस्यों ने राष्ट्रपति भवन जाकर रिपोर्ट सौंपी। पैनल ने 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट 2 सितंबर 2023 को पैनल के गठन के बाद से हितधारकों और एक्सपर्ट्स परामर्श समेत 191 दिन के रिसर्च का नतीजा है। रिपोर्ट में कहा गया कि एक देश-एक चुनाव पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी, जिनमें से 32 ने पक्ष और 15 विपक्ष में मत रखा है।

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कमेटी ने सुझाव दिया है कि पहले एक साथ चुनावों के लिए, सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक खत्म होने वाले समय के लिए किया जा सकता है। हंग हाउस, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। पहले फेज में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा। (One Nation One Election)

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है। बता दें कि पिछले साल 2 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अगुआई में 8 मेंबर की कमेटी बनी थी। 23 सितंबर 2023 को पहली बैठक दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में हुई। इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं। (One Nation One Election)

बता दें कि एक देश एक चुनाव लागू करने के लिए कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घटेगा, जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के आखिर में हुए हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे। मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाए। उसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव हो सकेंगे। (One Nation One Election)

पहले चरण में 8 राज्य शामिल है, जहां जून 2024 में वोटिंग होगी। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम का कार्यकाल जून 2024 में ही पूरा हो रहा है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के कार्यकाल में 5-8 महीने कटौती करनी होगी। फिर जून 2029 तक इन राज्यों में विधानसभाएं पूरे 5 साल चलेंगी। दूसरे चरण में 6 राज्य शामिल है, जहां नवंबर 2025 में वोटिंग होगी। बिहार में मौजूदा कार्यकाल पूरा होगा। बाद में साढ़े तीन साल ही रहेगा। असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुद्दुचेरी में मौजूदा कार्यकाल 3 साल 7 महीने घटेगा। उसके बाद का कार्यकाल भी साढ़े 3 साल होगा।

तीसरे चरण में 11 राज्य शामिल है, जहां दिसंबर 2026 में वोटिंग होगी। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड में मौजूदा कार्यकाल 3 से 5 महीने घटेगा। उसके बाद सवा दो साल रहेगा। गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा में मौजूदा कार्यकाल 13 से 17 महीने घटेगा। बाद का सवा दो साल रहेगा। इन तीन चरणों के बाद देश की सभी विधानसभाओं का कार्यकाल जून 2029 में खत्म होगा। सूत्रों के मुताबिक कोविंद कमेटी विधि आयोग से एक और प्रस्ताव मांगेगी, जिसमें स्थानीय निकायों के चुनावों को भी शामिल करने की बात कही जाएगी। (One Nation One Election)

भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने वन नेशन वन इलेक्शन के हक में राय जाहिर की है। वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों- DMK, NCP और TMC ने इसका विरोध किया है। BJD और AIADMK इसके समर्थन में हैं। समिति पिछले साल सितंबर में बनी थी। रिपोर्ट में निर्वाचन आयोग, विधि आयोग और कानूनी विशेषज्ञों की राय भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साथ चुनाव कराना जनहित में होगा। इससे आर्थिक विकास तेज होगा और महंगाई नियंत्रित होगी। रिपोर्ट लोकसभा चुनाव के बाद कैबिनेट के सामने रखी जाएगी। (One Nation One Election)

कैबिनेट के फैसले के अनुरूप कानून मंत्रालय संविधान में वह नए खंड जोड़ेगा, जिसकी सिफारिश विधि आयोग ने की है, ताकि चुनाव एक साथ हो सकें। इसे संसद के दोनों सदनों में पारित कराया जाएगा और राज्य विधानसभाओं से भी प्रस्ताव पारित करने की सिफारिश की जाएगी। इसके बाद तीन चरणों में 2029 तक लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ सुनिश्चित किए जा सकेंगे। भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हों। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे। (One Nation One Election)

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