स्कूल में देर से पहुंचने पर मिली दर्दनाक सजा, होना पड़ा अस्पताल में भर्ती, पढ़ें पूरी खबर

Painful Punishment in School: गुजरात में स्कूल में देर से पहुंचने पर एक छात्र को बहुत ही दर्दनाक सजा मिली है। दरअसल, गिर-सोमनाथ जिले के ऊना के सरकारी स्कूल में टीचर ने देरी से स्कूल आने पर 10वीं के एक छात्र को 200 उठक-बैठक की सजा दे दी। इसके चलते अगले दिन उसकी हालत बिगड़ गई और अब वह अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टर्स ने बताया कि उसकी किडनी में सूजन आ गई है। मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। शहर में चाय-नाश्ते का ठेला लगाने वाले महेशगिरी गोस्वामी के बेटा करण ग्रांटेड स्कूल में कक्षा 10वीं का स्टूडेंट है, जो बुधवार को स्कूल की प्रार्थना सभा में देर से पहुंचा था।

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देर से पहुंचने के चलते उसे 200 उठक-बैठक लगाने की सजा दी गई। अगले दिन अचानक करण की तबीयत बिगड़ गई। पिता उसे अस्पताल ले गए थे, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे राजकोट के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। बेटे की हेल्थ के बारे में महेश ने बताया कि एक रिपोर्ट में उसकी किडनी में सूजन आ गई है। सूजन के चलते डॉक्टर ने डायलिसिस कराने के लिए कहा है, लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति कमजोर है। अब उसके इलाज खर्च के लिए इधर-उधर दौड़ रहे हैं। (Painful Punishment in School)

वहीं मामले में महेश का कहना है कि उन्होंने खुद स्कूल में सूचना दे दी थी कि एक जरूरी काम के चलते आज करण स्कूल आने में थोड़ा लेट हो जाएगा। उन्होंने स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ क्लास टीचर को भी सूचित कर दिया था। इसके बावजूद उसे इतनी कठोर सजा दी गई कि अब वह हॉस्पिटल में भर्ती है। महेश ने आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन स्कूल में इस तरह की सजा अच्छी बात नहीं है। क्योंकि सरकारी स्कूल में जाने से बच्चे वैसे भी डरे हुए रहते हैं। (Painful Punishment in School)

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