लगातार बिगड़ रहे पाकिस्तान के हालात, 210 रुपये लीटर बिक रहा दूध, पोल्ट्री रेट में भी भारी बढ़ोतरी

Pakistan Economic Crisis : आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (IMF) के साथ लोन की डील पूरी करना चाहता है। ये डील फाइनल होने से पहले पाकिस्तान उपभोक्ताओं को दूध और चिकन सहित दैनिक इस्तेमाल की चीजों के लिए बढ़ी कीमतों का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई इतनी ज्‍यादा हो चुकी है कि आमजन को पेट भरना मुश्किल हो गया है।

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Pakistan Economic Crisis : लगातार बढ़ रहे चीजों के दाम

पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्‍तान में खुले दूध की कीमतें 190 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 210 रुपये प्रति लीटर कर दी गई हैं। पिछले दो दिनों में ब्रॉयलर चिकन में 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी देखी गई है। जिसके साथ अब इसकी कीमत 480-500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। चिकन मांस अब 700-780 पाकिस्‍तानी रुपये में प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है। जो पहले 620-650 प्रति किलोग्राम था, रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना हड्डी के बिकने वाले मीट की कीमत 1,000-1,100 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव के साथ अब तक के सबसे उूंचे रेट पर पहुंच गई है।

दूध की कीमत में और उछाल आएगा

इसी तरह दूध की कीमतों में भी बड़ा उछाल आया है। कराची मिल्क रिटेलर्स एसोसिएशन के स्‍पोक्‍सपर्सन वहीद गद्दी ने कहा कि 1,000 से अधिक दुकानदार दूध की कीमतों को बढ़ा कर बेच रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि ये वास्तव में थोक विक्रेताओं या डेयरी फार्मर्स की दुकानें हैं न कि हमारे सदस्यों की। उन्होंने आगे कहा कि अगर डेयरी फार्मर और थोक विक्रेताओं द्वारा घोषित मूल्य वृद्धि वापस नहीं की जाती है। तो दूध की कीमत 210 रुपये के बजाय 220 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।

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Pakistan Economic Crisis : पोल्ट्री रेट में भारी वृद्धि

पोल्ट्री की बढ़ती दरों पर, सिंध पोल्ट्री होलसेलर्स एसोसिएशन के महासचिव कमाल अख्तर सिद्दीकी ने कहा कि जिंदा मुर्गे-मुर्गियों की थोक दर 600 रुपये प्रति किलोग्राम थी। जबकि उनके मांस की दर 650 रुपये और 700 रुपये के बीच आंकी गई है। महंगाई में ये वृद्धि आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच बातचीत में गतिरोध के बीच हुई है। जो शहबाज शरीफ की सरकार के लिए एक बड़े झटके के रूप में सामने आई है।

पाकिस्‍तान रिकॉर्ड तोड़ महंगाई से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है। वहीं, पिछले साल आई बाढ़ के कारण इस मुल्‍क की अर्थव्‍यवस्‍था को बड़ी चोट पहुंची थी। जिसमें 1,739 लोग मारे गए थे और लगभग 20 लाख घर नष्ट हो गए थे।

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