कूनो में लगातार हो रही मौतों के बाद एक्शन, 11 चीते बड़े बाड़े में किए गए शिफ्ट

Kuno Cheetah Shift: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत हो रही है, जिससे कूनो प्रबंधन चिंतित है। ऐसे में खुले जंगल में घूम रहे सभी चीतों को ट्रेंकुलाइज कर एक के बाद एक बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जा रहा है। अब तक 11 चीते बड़े बाड़े में शिफ्ट किए जा चुके हैं। नामीबिया-दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञ और वन विभाग की टीम इनका मेडिकल चेकअप कर रही है। 6 चीतों की रेडियो कॉलर ID भी हटा दी गई है। स्पेशलिस्ट टीम के मुताबिक 22 जुलाई को पावक चीते को बड़े बाड़े में लाया गया था। शुरुआती जांच में उसे पूरी तरह स्वस्थ पाया गया। अभी उसे बड़े बाड़े में ही रखा जाएगा।

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DFO यानी डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर प्रकाश वर्मा ने प्रेस नोट जारी कर इसकी जानकारी दी है, जिसमें बताया गया है कि कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में 6 नर और 5 मादा समेत कुल 11 चीते हैं। बाकी 4 चीते खुले जंगल में हैं। एक शावक को अलग रखा गया है। इनका भी एक-एक कर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। 3 चीतों की गर्दन में घाव और इन्फेक्शन हो गया था। कूनो प्रबंधन ने आशंका जताई थी कि इस इन्फेक्शन की वजह रेडियो कॉलर ID हो सकती है। इसी के चलते अब 6 चीतों की कॉलर ID को निकाल दिया गया है। बचे हुए चीतों की भी कॉलर ID निकालने पर विचार किया जा रहा है। (Kuno Cheetah Shift)

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी चिंता

DFO प्रकाश वर्मा ने बताया कि फिलहाल कूनो नेशनल पार्क से कुछ चीतों को राजस्थान शिफ्ट किए जाने की कोई प्लानिंग नहीं है। इस बारे में वरिष्ठ अधिकारी ही कुछ बता पाएंगे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट भी कूनो में चीतों की मौत पर चिंता जता चुका है। कोर्ट ने 20 जुलाई को केंद्र सरकार से कहा था कि राजनीति से ऊपर उठकर कूनो से कुछ चीतों को राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए। क्यों नहीं आप राजस्थान में कोई अच्छी जगह ढूंढते? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में विपक्षी दल कांग्रेस की सरकार है। इसका मतलब यह नहीं कि आप इस प्रस्ताव पर विचार न करें। (Kuno Cheetah Shift)

4 महीने में 8 चीतों की हो चुकी है मौत

वहीं शीर्ष अदालत ने कहा था कि अफ्रीका-नामीबिया से जितने चीते लाए गए थे, उनमें से 40 फीसदी की मौत हो चुकी है। इन्हें भारत लाए हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ। मौतों का ये आंकड़ा अच्छी बात नहीं है। केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी कोर्ट में पेश हुए थे। बता दें कि कूनो में 4 महीने के अंदर अब तक 8 चीतों की मौत हो चुकी है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई थी। पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। यानी कुल मिलाकर नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे। (Kuno Cheetah Shift)

सूरज चीते ने 14 जुलाई को तोड़ा था दम

नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले तीन चीतों और फिर एक-एक कर 3 चीता शावकों की मौत हो गई। वहीं 14 जुलाई को एक और मेल चीते ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद कूनो में चीतों की संख्या अब 17 रह गई है। सबसे पहले 26 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हुई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने दम तोड़ दिया था। वहीं 9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत हो गई थी। जबकि 23 मई को नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत हुई। इसी तरह 25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की जान चली गई। 11 जुलाई को चीते तेजस की मौत हो गई थी। इसके बाद 14 जुलाई को चीता सूरज ने दम तोड़ दिया। (Kuno Cheetah Shift)

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