Parliament Special Session: संसद सत्र की पूर्व संध्या पर आज होगी सर्वदलीय बैठक

Parliament Special Session: सरकार 18-22 सितंबर तक पांच दिवसीय विशेष संसदीय सत्र से कुछ घंटे पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक करेगी। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ट्विटर पर लिखा, “इस महीने की 18 तारीख से संसद सत्र से पहले, आज (17 तारीख को ) शाम 4.30 बजे सर्वदलीय फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई गई है। इसके लिए संबंधित नेताओं को ईमेल के माध्यम से निमंत्रण पत्र भेजा गया है।” भले ही सूचीबद्ध एजेंडे में मुख्य बात संसद की 75 वर्षों की यात्रा पर विशेष चर्चा है, अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार देश का आधिकारिक नाम इंडिया से भारत में बदलने के लिए एक प्रस्ताव ला सकती है, और ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर भी विधेयक पेश कर सकती है जो लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की वकालत करता है।

यह भी पढ़ें:- PM नरेंद्र मोदी का जन्मदिन आज, BJP देशभर में करेगी कई कार्यक्रमों का आयोजन

सरकार ने अपने एजेंडे में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक को भी सूचीबद्ध किया है, जिस पर विशेष सत्र के दौरान विचार और पारित कराया जाना है। यह विधेयक मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था। ऐसी भी चर्चा है कि संसद को औपचारिक रूप से नए भवन में स्थानांतरित करने के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। विशेष सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन से होगी और अगले दिन कार्यवाही नए भवन में होने की संभावना है। इस बीच, संसद में विभिन्न विभागों के कर्मचारी फूलों की आकृति वाली नई वर्दी पहनने के लिए तैयार हैं, जिसे कांग्रेस ने अपने चुनाव चिह्न को बढ़ावा देने के लिए सत्तारूढ़ दल की “घटिया रणनीति” करार दिया है।

अचानक बुलाए गए इस सत्र को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष यह भी कह रहा कि वह इस सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर के मद्दे को उठाएगा। सरकार की ओर से एजेंडा का खुलासा सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने से कुछ समय पहले हुआ। यही कारण रहा कि विपक्ष लगातार हमलावर है। संसद का बजट और मानसून हंगामे के भेंट चढ़ गया था। ऐसे में इस बार सरकार विपक्ष को भरोसे में लेने की कोशिश करेगी। हालांकि, विपक्ष का सरकार को कितना सहयोग मिल पाता है, इस पर भी सभी की नजर रहने वाली है।

संसद का एजेंडा
बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, विशेष सत्र का पहला दिन – 18 सितंबर – संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा पर चर्चा के लिए आरक्षित होगा। बुलेटिन के अनुसार, इसमें संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा के अलावा चार विधेयकों का भी उल्लेख है। इनमें एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एवं आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 राज्यसभा से पारित एवं लोकसभा में लंबित हैं। वहीं, डाकघर विधेयक 2023 के अलावा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 सूचीबद्ध है, जिसे पिछले मानसून सत्र में राज्यसभा में पेश किया गया था। (Parliament Special Session)

लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों ने हाल में अपने बुलेटिन में कहा था कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा। इसमें कहा गया कि सत्र आमतौर पर पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। सचिवालय सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा। कार्य सूची अस्थायी है और इसमें अधिक विषय जोड़े जा सकते हैं। (Parliament Special Session)

Related Articles

Back to top button