
Khelo India Youth Games: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में आयोजित ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ के उद्घाटन समारोह को वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान बिहार के अलग-अलग शहरों में कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। भारत में खेल अब एक संस्कृति के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं। यह खेल संस्कृति जितनी बढ़ेगी, भारत की सॉफ्ट पावर उतनी ही बढ़ेगी। हम सभी ने IPL में बिहार के बेटे वैभव सूर्यवंशी का शानदार प्रदर्शन देखा है। वैभव ने इतनी कम उम्र में इतना बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है। उनके खेल के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, लेकिन अलग-अलग स्तर पर मैच खेलने से भी उन्हें मदद मिली है। इसका मतलब है ‘जो जितना खेलेगा, वह उतना ही खिलेगा’।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कहा कि आपको एक खिलाड़ी के रूप में मैदान में प्रदर्शन करना है, लेकिन आपको ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के राजदूत के रूप में भी अपनी भूमिका निभानी है। बिहार के बाहर से आए एथलीटों को भी ‘लिट्टी चोखा’ का स्वाद लेकर जाना चाहिए। आपको बिहार का मखाना भी बहुत पसंद आएगा। इस भावना के साथ कि इससे खेल और देशभक्ति की भावना दोनों बढ़ेगी, मैं 7वें खेलो इंडिया यूथ गेम्स के शुभारंभ की घोषणा करता हूं। PM मोदी ने कह कि पटना से राजगीर, गया से भागलपुर और बेगूसराय तक आने वाले कुछ दिनों में छह हजार से ज्यादा युवा एथलीट छह हजार से ज्यादा सपनों और संकल्पों के साथ बिहार की इस पवित्र धरती पर परचम लहराएंगे। मैं सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स इस दिशा में देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बना है। (Khelo India Youth Games)
सालभर अलग-अलग लेवल पर गेम्स होते हैं: PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी को अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए, खुद को लगातार कसौटी पर कसने के लिए, ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना, ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिताओं में हिस्सा, ये बहुत जरूरी होता है। NDA सरकार ने अपनी नीतियों में हमेशा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज खेलो इंडिया, यूनिवर्सिटी गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया यूथ गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया विंटर गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया पैरा गेम्स होते हैं, यानी सालभर अलग-अलग लेवल पर, पूरे देश के स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर लगातार स्पर्धाएं होती रहती हैं। इससे हमारे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका टैलेंट निखरकर सामने आता है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान आप सभी एथलीट्स को नेशनल लेवल के खेल की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा, आप बहुत कुछ सीख सकेंगे। (Khelo India Youth Games)
एथलीट्स को खोजकर उन्हें ट्रेन कर रहे: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ओलंपिक्स कभी भारत में आयोजित हों, ये हर भारतीय का सपना रहा है। आज भारत प्रयास कर रहा है, कि साल 2036 में ओलंपिक्स हमारे देश में हों। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भारत का दबदबा बढ़ाने के लिए, स्पोर्टिंग टैलेंट की स्कूल लेवल पर ही पहचान करने के लिए, सरकार स्कूल के स्तर पर एथलीट्स को खोजकर उन्हें ट्रेन कर रही है। खेलो इंडिया से लेकर TOPS स्कीम तक, एक पूरा इकोसिस्टम, इसके लिए विकसित किया गया है। आज बिहार सहित, पूरे देश के हजारों एथलीट्स इसका लाभ उठा रहे हैं। सरकार का फोकस इस बात पर भी है कि हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा नए स्पोर्ट्स खेलने का मौका मिले। इसलिए ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गतका, कलारीपयट्टू, खो-खो, मल्लखंभ और यहां तक की योगासन को शामिल किया गया है। (Khelo India Youth Games)
साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स
PM मोदी ने कहा कि हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों ने कई नए खेलों में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। वुशु, सेपाक-टकरा, पन्चक-सीलाट, लॉन बॉल्स, रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में भी अब भारतीय खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टीम ने लॉन बॉल्स में मेडल जीतकर तो सबका ध्यान आकर्षित किया था। सरकार का जोर भारत में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर भी है। बीते दशक में खेल के बजट में तीन गुणा से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस साल स्पोर्ट्स का बजट करीब 4 हजार करोड़ रुपए है। इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। आज देश में एक हजार से ज्यादा खेलो इंडिया सेंटर्स चल रहे हैं। इनमें तीन दर्जन से ज्यादा बिहार में ही हैं। बिहार को तो NDA के डबल इंजन का भी फायदा हो रहा है। यहां बिहार सरकार, कई योजनाओं को अपने स्तर पर विस्तार दे रही है। (Khelo India Youth Games)
खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना
उन्होंने कहा कि राजगीर में खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की गई है। बिहार खेल विश्वविद्यालय, राज्य खेल अकादमी जैसे संस्थान भी बिहार को मिले हैं। पटना-गया हाईवे पर स्पोर्टस सिटी का निर्माण हो रहा है। बिहार के गांवों में खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स- नेशनल स्पोर्ट्स मैप पर बिहार की उपस्थिति को और मज़बूत करने में मदद करेंगे। स्पोर्ट्स की दुनिया और स्पोर्ट्स से जुड़ी इकॉनॉमी सिर्फ फील्ड तक सीमित नहीं है। आज ये नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार को भी नए अवसर दे रहा है। इसमें फिजियोथेरेपी है, डेटा एनालिटिक्स है, स्पोर्ट्स टेक्नॉलॉजी, ब्रॉडकास्टिंग, ई-स्पोर्ट्स, मैनेजमेंट, ऐसे कई सब-सेक्टर्स हैं। और खासकर तो हमारे युवा, कोच, फिटनेस ट्रेनर, रिक्रूटमेंट एजेंट, इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स लॉयर, स्पोर्ट्स मीडिया एक्सपर्ट की राह भी जरूर चुन सकते हैं। यानी एक स्टेडियम अब सिर्फ मैच का मैदान नहीं, हज़ारों रोज़गार का स्रोत बन गया है। नौजवानों के लिए स्पोर्ट्स एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं बन रही हैं। (Khelo India Youth Games)
खेल भावना और देशभक्ति की भावना बुलंद हो: PM
PM ने कहा कि आज देश में जो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही हैं, या फिर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है, जिसमें हमने स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया है, इसका मकसद भी देश में अच्छे खिलाड़ियों के साथ-साथ बेहतरीन स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स बनाने का है। हम जानते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में स्पोर्ट्समैन शिप का बहुत बड़ा महत्व होता है। स्पोर्ट्स के मैदान में हम टीम भावना सीखते हैं, एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना सीखते हैं। आपको खेल के मैदान पर अपना बेस्ट देना है और एक भारत श्रेष्ठ भारत के ब्रांड ऐंबेसेडर के रूप में भी अपनी भूमिका मजबूत करनी है। मुझे विश्वास है, आप बिहार से बहुत सी अच्छी यादें लेकर लौटेंगे। जो एथलीट्स बिहार के बाहर से आए हैं, वो लिट्टी चोखा का स्वाद भी जरूर लेकर जाएं। बिहार का मखाना भी आपको बहुत पसंद आएगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स से- खेल भावना और देशभक्ति की भावना, दोनों बुलंद हो। (Khelo India Youth Games)