NDA Meeting : मिशन 2024 के लिए पीएम मोदी आज करेंगे NDA सांसदों के साथ बैठक

NDA Meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  के सांसदों के साथ बैठक कर उन्हें आने वाले चुनावों के संबंध में जीत का मंत्र दे सकते हैं. सूत्रों ने यह जानकारी रविवार (30 जुलाई) को दी. एनडीए सांसदों की बैठकों का कार्यक्रम 11 दिन का है. 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति बनाने के लिए 31 जुलाई से 10 अगस्त के बीच विभिन्न समूहों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सभी सांसदों की बैठकों की योजना बनाई गई है.

गडकरी, अमित शाह और राजनाथ सिंह पर अहम जिम्मेदारी

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री की दूसरी बैठक पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के एनडीए सांसदों के साथ शाम सात बजे संसदीय सौंध भवन में होगी। इस बैठक में राजनाथ सिंह और अमित शाह मौजूद रहेंगे। सूत्रों ने यह भी बताया कि एनडीए के नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी भाजपा अध्यक्ष नड्डा के साथ ही केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, अमित शाह और राजनाथ सिंह पर सौंपी गई है।

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भाजपा के लिए यूपी सबसे अहम

भाजपा के लिए सबसे अधिक लोकसभा सीटों के कारण उत्तर प्रदेश की अहमियत सबसे ज्यादा है। मिशन 80 की तैयारियों में जुटी भाजपा यहां से सभी सीटों को जीतकर अपनी बढ़त बनाए रखना चाहती है। लेकिन सुभासपा, अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ आने से उसके लिए सबको सीटों में भागीदारी देना अनिवार्य होगा। कुछ नए क्षेत्रीय दल भी शीघ्र ही उसका हिस्सा बन सकते हैं। ऐसे में सीटों के तालमेल को लेकर पार्टी की परेशानी बढ़ सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव में ही यह तनाव सतह पर आ गया था, जब अपना दल ने अधिक सीटों की दावेदारी कर भाजपा की समस्या बढ़ा दी थी। (NDA Meeting)

2024 के रण की तैयारी

लोकसभा चुनाव 2024 में करीब 10 महीने का वक्त बाकी है. उससे पहले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इसलिए ये बैठकें (NDA Meeting) अहम मानी जा रही है. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अमित शाह और राजनाथ सिंह के साथ-साथ बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा को एनडीए नेताओं के साथ समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है.

पूर्वोत्तर में भी विवाद

पूर्वोत्तर में भाजपा ने अनेक छोटे-छोटे दलों को साथ लाकर अपने सहयोगी दलों की संख्या बड़ा दिखाने की कोशिश की है। लेकिन उसके इस कदम ने उसी को परेशानी में डाल दिया है। पूर्वोत्तर में कुल 26 सीटें हैं। इन सभी दलों को भागीदारी देने के लिए उन्हें कम से कम एक सीट भी दी जाए, तो भाजपा के अपने खाते में सीटों की संख्या बहुत कम हो जाएगी।

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