PM मोदी ने न्यूनीकरण के लिए तीसरे सत्र का किया उद्घाटन, कही ये बात

PM on Disaster Resilience: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय मंच (NPDRR) 2023 के तीसरे सत्र का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी हाल ही में तुर्की और सिरीया में भारतीय दल के प्रयासों को पूरी दुनिया ने सराहा है। ये बात हर भारतीय के लिए गौरव की बात है।

यह भी पढ़ें:- 7 दिन के लिए ED की रिमांड में मनीष सिसोदिया, 21 मार्च को जमानत पर सुनवाई

PM मोदी ने कहा कि राहत और बचाव से जुड़े मानव संसाधन और तकनीकी क्षमता को भारत ने जिस तरह बढ़ाया है, उससे देशभर में भी अलग-अलग आपदा के समय बहुत सारे लोगों के जीवन बचाने में मदद मिली है। भारत में आपदा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्था हमेशा स्थानीय रही है, समाधान और रणनीति भी स्थानीय रही है… चाहे स्थानीय निर्माण सामग्री हो या फिर निर्माण तकनीक, इसको हमें आज की जरूरत और आज की तकनीक से समृद्ध करना है। (PM on Disaster Resilience)

प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए मान्यता और सुधार बहुत जरूरी है। मान्यता का मतलब ये समझना है कि आपदा की आशंका कहां हैं और भिवष्य में कैसे घटित हो सकती है? सुधार का मतलब है कि हम ऐसी व्यवस्था विकसित करें जिससे आपदा की आशंका कम हो जाए। ओडिशा स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी विभिन्न आपदाओं के दौरान बेहतरीन काम करती रही है। मिजोरम के लुंगलेई फायर स्टेशन ने जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए अथक परिश्रम किया। मैं इन संस्थानों में काम करने वाले सभी साथियों को बधाई देता हूं। (PM on Disaster Resilience)

उन्होंने कहा कि चाहे लोकल कंस्ट्रक्शन मटीरियल हो, या फिर कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, इसको हमें आज की जरूरत, आज की टेक्नॉलॉजी से समृद्ध करना है। डिजास्टर मैनेजमेंट को मजबूत करने के लिए Recognition और Reform बहुत जरूरी है। आपदा प्रबंधन के संबंध में सफलता केवल ‘स्थानीय भागीदारी द्वारा स्थानीय लचीलापन’ के मंत्र से सुनिश्चित की जा सकती है।  (PM on Disaster Resilience)

PM ने कहा कि समय पर प्रतिक्रिया, संचार के मजबूत साधन, वास्तविक समय पंजीकरण और प्रत्येक गली और प्रत्येक घर की निगरानी आपदाओं के दौरान कम से कम संभावित नुकसान और नुकसान सुनिश्चित कर सकती है। हमें आपदा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन बनानी होगी। इसके लिए हमें दो स्तर पर काम करना होगा – 1. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्सपर्ट्स को लोकल पार्टिसिपेशन पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए। 2. हमें आपदाओं से जुड़ें खतरों से लोगों को जागरूक करना होगा।

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने ना केवल आपदाओं की क्षति को कम करने में सफलता प्राप्त की है बल्कि अच्छी व्यवस्था खड़ी करके पड़ोसियों को मदद करने के लिए और पूरे क्षेत्र में पूर्व चेतावनी प्रणाली को स्थापित करने के लिए बहुत अनुकरणीय काम किया है। तुर्की में आए विनाशकारी भूकंपों के बाद ऑपरेशन दोस्ती के तहत हमारे NDMA और NDRF के काम को दुनिया भर में सराहा गया है।  (PM on Disaster Resilience)

Related Articles

Back to top button