Lokmanya Tilak National Award : लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित किए प्रधानमंत्री मोदी
Lokmanya Tilak National Award : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज प्रतिष्ठित लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने पर आज पुणे में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह मेरे लिए एक यादगार पल है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं लोकमान्य तिलक अवार्ड को 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पुरस्कार के साथ मिलने वाली राशि को नमामि गंगे परियोजना में दान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी में लोकमान्य तिलक की भूमिका, उनके योगदान को कुछ घटनाओं और शब्दों में समेटा नहीं जा सकता।
#WATCH | Maharashtra: Prime Minister Narendra Modi gets conferred with Lokmanya Tilak National Award in Pune. pic.twitter.com/zBLwRerKa5
— ANI (@ANI) August 1, 2023
उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक जी तो हमारे स्वतंत्रता इतिहास के माथे के तिलक हैं, साथ ही अन्ना भाऊ ने भी समाज सुधार के लिए जो योगदान दिया, वो अप्रतिम है, असाधारण है।
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मोदी ने कहा कि जो जगह, जो संस्था सीधे तिलक जी से जुड़ी रही हो, उसके द्वारा लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं इस सम्मान के लिए हिंद स्वराज्य संघ और आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मोदी ने कहा कि हमें जब कोई अवार्ड मिलता है, तो उसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती है। और जब उस अवार्ड से तिलक जी का नाम जुड़ा हो, तो दायित्वबोध और भी कई गुना बढ़ जाता है।
Maharashtra: Prime Minister Narendra Modi to be conferred with Lokmanya Tilak National Award in Pune today. pic.twitter.com/evpO7MxcPC
— ANI (@ANI) August 1, 2023
मैं लोकमान्य तिलक नेशनल अवॉर्ड 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने धारणा बनाई थी कि भारत की आस्था, संस्कृति, मान्यताएं, ये सब पिछड़ेपन का प्रतीक हैं। लेकिन तिलक जी ने इसे भी गलत साबित किया। इसलिए भारत के जनमानस ने न केवल खुद आगे आकर तिलक जी को लोकमान्यता दी, बल्कि लोकमान्य का खिताब भी दिया। इसीलिए महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक महान नेता वो होता है जो एक बड़े लक्ष्य के लिए न केवल खुद को समर्पित करता है, बल्कि उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संस्थाएं और व्यवस्थाएं भी तैयार करता है। इसके लिए हमें सबको साथ लेकर आगे बढ़ना होता है। सबके विश्वास को आगे बढ़ाना होता है। लोकमान्य तिलक के जीवन में हमें ये सारी खूबियां दिखती हैं। लोकमान्य तिलक को अंग्रेजों ने जेल में डाला, उन पर अत्याचार हुए।
उन्होंने आजादी के लिए त्याग और बलिदान की पराकाष्ठा की। लेकिन साथ ही उन्होंने टीम स्पिरिट के, सहभाग और सहयोग के अनुकरणीय उदाहरण भी पेश किए। उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक ने परंपराओं को भी पोषित किया था। उन्होंने समाज को जोड़ने के लिए सार्वजनिक गणपति महोत्सव की नींव डाली। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के साहस और आदर्शों की ऊर्जा से समाज को भरने के लिए शिव जयंती का आयोजन शुरू किया।