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Punjab Farmer Protest: फिर शुरू हुआ किसानों का आंदोलन, सरकार को दिया अल्टीमेटम

Punjab Farmer Protest: अपनी कई मांगों को लेकर पंजाब के किसानों ने आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसान दिल्ली की तर्ज पर पक्का मोर्चा लगाने के लिए मंगलवार को चंडीगढ़ की तरफ कूच कर गए। मोहाली पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग की है, लेकिन उन्होंने मोहाली पुलिस का पहला बैरिकेड तोड़ दिया। हालांकि YPS चौक पर लगे बैरिकेड के पास किसान रुक गए। आगे चंडीगढ़ पुलिस का भी बैरिकेड लगा हुआ है।

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किसानों ने पंजाब की AAP सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द उनकी मांगें मान ले अन्यथा वह चंडीगढ़ कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर CM भगवंत मान की सरकार ने बात नहीं सुनी तो फिर वह कोई बैरिकेड नहीं छोड़ेंगे। चाहे पानी की बौछार पड़ें या फिर डंडे, वह बिना डरे आगे बढ़ेंगे। इससे पहले सुबह किसानों को CM मान से मीटिंग के लिए बुलाया गया था। ये मीटिंग सुबह 11 बजे CM हाउस में होनी तय हुई थी। हालांकि अचानक सरकार ने सीएम से मीटिंग रद्द (Punjab Farmer Protest) कर दी।

किसानों को अफसरों से मुलाकात के लिए बुलाया गया, जिससे किसानों ने इनकार (Punjab Farmer Protest) कर दिया। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार बात नहीं करती, वह पक्का मोर्चा लगाकर बैठे रहेंगे। किसानों को चंडीगढ़ में घुसने से रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने मोहाली से सटा बॉर्डर सील कर दिया गया है। मौके पर भारी संख्या में चंडीगढ़ का पुलिस बल तैनात है। चंडीगढ़ पुलिस का स्पष्ट कहना है कि किसी को भी अंदर नहीं घुसने दिया जाएगा।

इधर, किसान मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में इकट्‌ठा हो गए हैं। वह घर से राशन भी लेकर आए हैं, ताकि चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाया जा सके। वहीं किसानों के प्रदर्शन से घबराई मान सरकार ने पहले किसानों को बातचीत का न्यौता दिया था, लेकिन अब यह मीटिंग रद्द हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा (Farmer Protest) के किसान नेताओं का कहना है कि CM भगवंत मान ने उनकी जायज मांगें नहीं मानीं, इसलिए अब किसान AAP सरकार के खिलाफ बड़ा संघर्ष शुरू करेंगे।

पंजाब सरकार ने इस बार किसानों को एक साथ धान की रोपाई न करने को कहा है। इसके लिए राज्य को 4 जोन में बांटा गया है। इसके तहत 18, 20 और 22 जून को 6-6 जिलों और बचे 5 जिलों में 24 जून से धान की रोपाई होगी। सरकार ने यह कदम बिजली की कमी दूर करने के लिए उठाया। किसान इसका विरोध कर रहे हैं। वह ऐलान कर चुके कि तय वक्त पर सभी जगह रोपाई होगी।

उन्होंने कहा कि किसानों को धान रोपाई के लिए पर्याप्त बिजली मुहैया करवाने का जिम्मा सरकार का है। वह इसे पूरा करे। इसके अलावा किसान गेहूं पर भी प्रति एकड़ 500 रुपए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसान नेता हरिंदर लक्खोवाल ने कहा कि सभी जिलों और गांवों से हजारों किसान पहले मोहाली में इकट्‌ठे होंगे। वहां लंगर के बाद चंडीगढ़ कूच करेंगे।

लक्खोवाल ने कहा कि एक महीने पहले हमारी CM भगवंत मान से मुलाकात हुई थी। उन्होंने 10 दिन में मांगें मानने का भरोसा दिया था। इसके बाद न तो मांगें मानी गईं और न ही मान ने मीटिंग के लिए दोबारा वक्त दिया। इसके बाद हमने 17 मई तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। धरने पर बैठे एक किसान ने कहा कि उनकी 11 मांगे पूरी होने तक विरोध जारी रहेगा। बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने एक साल से ज्यादा समय तक दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दिया था, जिसके बाद केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था।

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