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Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से राहत नहीं, सजा पर रोक की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित

Rahul Gandhi Defamation Case: गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से मानहानि केस में दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर मंगलवार (2 मई) को गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत से इनकार करते हुए दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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कोर्ट ने 2019 के मामले में हुई सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस हेमंत प्रच्छक छुट्टी के बाद फैसला सुनाएंगे। कोर्ट ने तब तक के लिए राहुल गांधी को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला देना उचित होगा। जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने साफ किया कि सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लेंगे। छुट्टी के दौरान कोर्ट फैसला लिखेगी।

सूरत जिले की एक कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में दायर किए गए आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी पाते हुए राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उनको संसद की सदस्यता से अयोग्य किया गया था। जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक की पीठ के समक्ष शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निरुपम नानावटी पेश हुए। उन्होंने कहा कि अपराधों की गंभीरता, सजा इस स्तर पर नहीं देखी जानी चाहिए। उनकी (राहुल गांधी) अयोग्यता कानून के तहत हुई है। इस बीच, जज ने एक आदेश पारित किया जिसमें ट्रायल कोर्ट को उनके सामने मूल रिकॉर्ड और मामले की कार्यवाही पेश करने का निर्देश दिया गया।

राहुल गांधी के वकील की तरफ से दी गई थी ये दलील

बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी की तरफ से सजा रद्द करने के लिए सूरत कोर्ट में दलील भी पेश की गई थी। उस दौरान राहुल गांधी की तरफ से कोर्ट में दूसरी दलील यह दी गई थी कि मानहानि के मामले में किसी खास व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप स्पष्ट होना चाहिए। आमतौर पर की गई टिप्पणी या बड़े दायरे को समेटने वाली टिप्पणी को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता। कोलार की रैली में राहुल गांधी ने बड़े दायरे को समेटने वाली टिप्पणी की थी। राहुल का ये बयान ठीक वैसा ही है जैसा लोग आम बोलचाल में बोल देते हैं कि ‘नेता तो भ्रष्ट होते हैं।’ ‘पंजाबी लोग तो बड़े झगड़ालू होते हैं।’ ‘बंगाली लोग काला जादू करते हैं।’ ऐसे में अगर कोई नेता, पंजाबवासी या बंगालवासी देश की किसी कोर्ट में जाकर मुकदमा कर दे कि इससे मेरी मानहानि हुई है, तो इसे मानहानि नहीं कहा जा सकता। (Rahul Gandhi Defamation Case)

सूरत कोर्ट में राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि ऐसा दावा किया जाता है कि पूरे भारत में 13 करोड़ मोदी हैं। मोदी सरनेम कोई संघ नहीं है, लेकिन कहा गया है कि 13 करोड़ से अधिक मोदी हैं। मोदी को मामला नहीं है। गोसाई एक जाति है, और गोसाई जाति के लोगों को मोदी कहा जाता है। राहुल की तरफ से वकील ने कहा था कि मोदी बिरादरी क्या है, इसे लेकर बहुत भ्रम है। अगर हम इस समूह की पहचान करने की कोशिश करते हैं, तो सबूत हमें भ्रमित करते हैं।

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