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विदेश मंत्री जयशंकर की पाकिस्तान को दो टूक, कहा- लादेन की मेहमाननवाजी करने वाले न दें उपदेश

Jaishankar on Pakistan: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित UNSC की बैठक में शामिल हुए, जहां उन्होंने पाकिस्तान की कश्मीर पर टिप्पणी के बाद उसी मंच पर जवाब दिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जो देश ओसामा बिन लादेन की मेहमाननवाजी कर रहा था, जिसने अपने पड़ोसी की संसद पर हमला किया। वो UN जैसे शक्तिशाली मंच पर उपदेश देने के काबिल नहीं है। बता दें कि मल्टीलेटरिज्म पर चर्चा की अध्यक्षता यूएन में भारत की स्थायी सदस्य रुचिरा कंबोज कर रही थीं। इसी दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कश्मीर मुद्दा उठाया था।

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बैठक में मंत्री जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान दोनों देशों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक तौर पर हम आज मल्टीलेटरलिज्म में सुधारों पर फोकस कर रहे हैं। हमारा अपना-अपना नजरिया हो सकता है, लेकिन एक आम राय बन रही है, कम से कम इसमें हमें ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए। दुनिया टेररिज्म के खिलाफ संघर्ष कर रही है और ऐसे दौर में कुछ लोग आतंकी हमलों को अंजाम देनेवालों, साजिश रचने वालों को सही ठहरा रहे हैं। उन्हें बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया इमरजेंसी, युद्धों और हिंसा के दौरा से गुजर रही है, संघर्ष कर रही है। शांति लाने और इसका रास्ता दिखाने के लिए महात्मा गांधी के आदर्श आज भी जरूरी हैं। (Jaishankar on Pakistan)

जयशंकर ने कहा कि यूनाइटेड नेशंस की साख महामारी, जलवायु परिवर्तन, विवादों और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर प्रभावी जवाब देने पर निर्भर है। उन्होंने ये बयान UN दफ्तर में गांधी प्रतिमा के अनावरण के बाद दिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम रास्तों की तलाश कर रहे हैं, तब हमें ऐसे खतरों को नॉर्मल करने की कोशिशों को स्वीकार नहीं करना चाहिए। अभी तक ये सवाल नहीं उठा है कि जिस चीज को पूरी दुनिया स्वीकार नहीं कर रही, उसे न्यायोचित बताने की कोशिश क्यों हो रही है। यह क्रॉसबॉर्डर टेररिज्म, आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों पर भी लागू होता है। (Jaishankar on Pakistan)

उन्होंने कहा कि हमने 75 साल से भी पहले बनाए गए बहुपक्षीय संस्थानों की प्रभावशीलता के बारे में बातचीत करने के लिए बैठक बुलाई है। हमारे सामने सवाल ये है कि उनमें सुधार कैसे किया जा सकता है। हाल के सालों में दुनिया ने इंटरनेशनल सिस्टम पर बढ़ते तनाव से बदलाव की मांग तेजी से हुई है। बात जब क्लाइमेट जस्टिस और क्लाइमेट एक्शन की आती है, तब भी हालात बेहतर नहीं हैं। मंचों पर जरूरी मुद्दों पर बात होने की बजाय हमने ध्यान भटकाने और भ्रमित करने की कोशिशें देखी हैं। (Jaishankar on Pakistan)

बता दें कि भारत को सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाने की मांग के बीच बिलावल भुट्टो ने कहा था कि कश्मीर का मुद्दा अब भी सुलझा नहीं है। अगर भारत बहुपक्षवाद की सफलता देखना चाहते हैं तो कश्मीर के मुद्दे पर आप UNSC के प्रस्ताव को लागू करने की अनुमति दे सकते हैं। आप साबित कर सकते हैं कि बहुपक्षवाद सफल होगा। आप ये साबित करें कि भारत की अध्यक्षता में UNSC हमारे क्षेत्र यानी कश्मीर में शांति ला सकता है। (Jaishankar on Pakistan)

जानकारी के लिए बता दें कि इस साल दिसंबर के अंत में 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इसके पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवाद रोधी दो बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र पहुंचे। भारत ने सुरक्षा परिषद की बारी-बारी से सौंपी जाने वाली मासिक अध्यक्षता एक दिसंबर को संभाली थी। अगस्त 2021 के बाद ये दूसरी बार है, जब भारत UNCS सदस्य के रूप में दो साल के अपने कार्यकाल के दौरान परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। (Jaishankar on Pakistan)

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