One Nation One Election: वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर बयानबाजी जारी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव अच्छा है। आचार संहिता के कारण जो विकास कार्य रुक जाते थे, वो अब होंगे। सरकार को काम के लिए ज्यादा समय मिलेगा और खर्च भी कम होगा। चुनाव के समय सभी मंत्री और राजनीतिक नेता चुनाव प्रबंधन में व्यस्त हो जाते थे। इसमें संघीय व्यवस्था और लोकतंत्र विरोधी बात कहां से आई, चुनाव तो होते ही रहते हैं, बार-बार चुनाव होने से अच्छा है कि एक बार चुनाव हो जाए, इसमें संघीय व्यवस्था और लोकतंत्र विरोधी कुछ भी नहीं है।
यह भी पढ़ें:- राजा को भेष बदलने का शौक है…आलोचना सुनने का नहीं: सांसद प्रियंका गांधी
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव राष्ट्रहित में है, इससे खर्च बचेगा और विकास होगा। मैं विपक्ष से खासकर कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि 1967 तक देश में एक राष्ट्र एक चुनाव होता रहा, उस समय संघीय ढांचे को चोट नहीं पहुंच रही थी? इससे देश मजबूत होगा, विकास होगा। एक राष्ट्र एक चुनाव राष्ट्रहित में है, अगर कांग्रेस इससे इनकार करती है तो मुझे लगता है कि यह दोगलापन है। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि जब कैबिनेट कोई फैसला लेती है और सदन चल रहा होता है तो उस पर बोलना नहीं चाहिए लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन प्रधानमंत्री के दिल के बहुत करीब है। वन नेशन वन राशन, आयुष्मान कार्ड की ही तरह यह भी राष्ट्रहित में होगा। (One Nation One Election)
देश पर आर्थिक बोझ पड़ता है: पासवान
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव हो हमारी भी इच्छा यही रही है। मेरे नेता, मेरे पिता रामविलास पासवान की सोच रही है कि एक साथ चुनाव होना जरूरी है। जब हर दूसरे-तीसरे महीने देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं तो इससे देश पर आर्थिक बोझ तो पड़ता ही है, साथ ही जिस तरह से एक जगह से दूसरी जगह मशीनरी की तैनाती के लिए व्यवस्था करनी पड़ती है, उसमें काफी समय बर्बाद होता है। जब आचार संहिता लगती है तो विकास कार्यों की गति रुक जाती है। व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी है कि एक साथ चुनाव हों। विपक्ष को प्रधानमंत्री मोदी के हर फैसले पर आपत्ति होती है। मैं चाहता हूं कि विपक्ष बताए कि उन्हें किन बिंदुओं पर आपत्ति है। (One Nation One Election)
ममता बनर्जी सभी का विरोध करेंगी: घोष
बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ भी करेंगे CM ममता बनर्जी उसका विरोध करेंगी। उनकी राजनीति यहीं तक सीमित है। दुर्भाग्य से, बंगाल की जनता उन्हें सही मानती है, लेकिन बंगाल और देश कहां जा रहा है ये लोगों को सोचना चाहिए। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन, ये देश को आगे ले जाने वाला फैसला है। यह लिया तो जाना चाहिए था आजादी के तुरंत बाद लेकिन जो सरकारें बनीं उनके एजेंडे में ये मुद्दे नहीं थे। अब PM नरेंद्र मोदी देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं। बार-बार चुनावों का होना देश के विकास में व्यवधान पैदा करता है। पूरे साल सिर्फ और सिर्फ चुनाव चलते रहते हैं। कामों की ओर ध्यान नहीं जाता है। यह बहुत अच्छा कदम है और देश के लोगों को इसका स्वागत करना चाहिए। (One Nation One Election)
विकास बाधित होता है: सैनी
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री के विजन की सराहना करता हूं। उनकी सोच है कि हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बने। एक राष्ट्र-एक चुनाव से देश को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा, देश में खर्चे कम होंगे, देश तेज गति से आगे बढ़ेगा। हमें 5 साल का समय मिलता है, 5 साल में हम चुनावों में व्यस्त रहते थे, कभी नगर पालिका, कभी पंचायत चुनाव, कभी लोकसभा चुनाव होते हैं, इसकी वजह से विकास बाधित होता था लेकिन एक राष्ट्र-एक चुनाव से जब एक समय पर चुनाव होंगे तो सारा समय देश के विकास में लगेगा और खर्चा भी कम होगा। JDU सांसद संजय झा ने कहा कि हमारी पार्टी और हमारे नेता नीतीश कुमार पहले दिन से ही इसके पक्ष में हैं। लोग चाहते हैं कि एक बार चुनाव हो जाए तो उसके बाद 5 साल तक काम हों। (One Nation One Election)
विकासात्मक कार्यों में सुविधा मिलेगी: संजय
उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से बहुत खर्च भी होता है। हम इसका पूरा समर्थन करते हैं। शुरू से ही लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते रहे हैं। दिक्कत तब शुरू हुई जब कांग्रेस पार्टी ने राज्यों में राज्यपाल शासन लगाना शुरू किया। अगर एक साथ चुनाव होंगे तो देश की अर्थव्यवस्था और विकासात्मक कार्यों में सुविधा मिलेगी। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि देश के हित के लिए आप इस बिल का समर्थन करें। विपक्ष को अपने सुझाव देने का पूरा अधिकार है। मेरी विपक्ष से ये अपील है कि देश के हित के लिए राजनीति को एक ओर रख कर इस बिल को अपना समर्थन दें। मेरी पार्टी इस बिल का पूरा समर्थन करती है। देश को विकास की दिशा में आगे ले जाने, पूंजी को बचाने के लिए इसका समर्थन करना चाहिए। इससे समय भी बर्बाद नहीं होगा, पैसा भी बचेगा। इसमें किसी का व्यक्तिगत हित नहीं है बल्कि यह बिल देश हित में लाया गया है। (One Nation One Election)
6 महीने से ज्यादा चुनाव नहीं टाला जा सकता: दिग्विजय
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी भी राज्य में 6 महीने से ज्यादा चुनाव नहीं टाला जा सकता। अगर वन नेशन वन इलेक्शन हो रहा है और एक राज्य में सरकार 6 महीने में गिर जाती है, अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है तो क्या 4.5 साल बिना सरकार के रहा जाएगा? ये इस देश में संभव ही नहीं है। पहले तो सरकारें पूरे 5 साल का कार्यकाल पूरा करती थीं लेकिन आज कोई सरकार 2.5 साल में गिर जाती हैं तो कहीं 3 साल में गिर जाती हैं। कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि किसी भी सरकार के जो बुनियादी कर्तव्य होते हैं उनसे बचने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। हम कल्पना नहीं कर सकते हैं कि भारत जैसे देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ करवाए जा सकते हैं, क्योंकि यही वो सरकार है, जिन्होंने दिन-दहाड़े कई राज्यों में सरकारों को तोड़ा। (One Nation One Election)
चुनावी एजेंडे में धर्म और जाति के अलावा कुछ नहीं: महुआ
मीर ने कहा कि सरकार बनने के 1 साल बाद सरकारें गिर भी सकती हैं, बहुमत भी खो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की आप 4 साल तक किसी राज्य में चुनाव नहीं करवाएंगे। JMM सांसद महुआ माजी ने कहा कि भाजपा तो चाहेगी ही क्योंकि उनके चुनावी एजेंडे में धर्म और जाति के अलावा कुछ नहीं है। लोग समझ चुके हैं कि धर्म के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। वे एक राष्ट्र-एक चुनाव के नाम पर लोगों को गुमराह करना चाहते हैं। जब विधानसभा चुनाव होते हैं तो स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखा जाता है, वे लोकसभा में किसी को वोट दे सकते हैं, लेकिन विधानसभा में वे अपने आस-पास की क्षेत्रीय पार्टी को वोट देते हैं। इसलिए क्षेत्रीय दलों का होना बहुत जरूरी है ताकि वे लोगों के लिए काम कर सकें। (One Nation One Election)
इतनी जल्दी है तो देश की सरकारें भंग कर दें: अखिलेश
जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर कहा कि यह अभी संसद के सामने नहीं आया है। इस पर सदन में बहस होगी। बहस खुली होनी चाहिए, यह वैसा नहीं होना चाहिए जैसा 2019 में 370 के साथ हुआ। इस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए, जहां तक नेशनल कॉन्फ्रेंस का सवाल है, हम इस पर बैठेंगे और इस पर एक राय बनाएंगे और अपने सांसदों को बताएंगे कि कैसे वोट करना है। समाजवादी पार्टी प्रमुख और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि अगर इतनी ही जल्दी है तो प्रधानमंत्री मोदी सरकार भंग कर दें और पूरे देश का चुनाव हो जाए। अगर एक राष्ट्र-एक चुनाव के लिए इतनी ही जल्दी है तो इससे अच्छा और क्या समय मिलेगा। जब हम संविधान पर चर्चा कर रहे हैं तब पूरे देश की सरकारें भंग कर दें और चुनाव करा दें। (One Nation One Election)
विपक्ष से बात किए बिना इसे लाना तानाशाही: TMC
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव का विरोध करेगी और DMK समेत कई क्षेत्रीय दल इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। यह संघीय ढांचे को खत्म करने का सरकार का एक और प्रयास है। समय-समय में दो या तीन राज्यों में चुनाव होना लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि इससे लोगों को राजनीतिक दलों का समर्थन या विरोध करने का मौका मिलता है। TMC सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि 1966-68 तक सभी चुनाव एक साथ होते थे, क्योंकि सरकार 5 साल चलती थी, लेकिन फिर व्यवस्था बदल गई, क्योंकि गठबंधन सरकारें बनने लगी और कभी-कभी सरकार गिर जाती थी। विपक्ष से बात किए बिना इसे लाना तानाशाही है। बता दें कि 16 दिसंबर को सरकार लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़ा बिल पेश करेगी। (One Nation One Election)