Chhattisgarh : कैंपा, फलदार पौधों से लहलहाया ‘समक्का-सारक्का कुंज’

Samakka Sarakka Kunj: छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती वनांचल स्थित भोपालपटनम का ‘समक्का-सारक्का कुंज’ अब फजदार पौधों से लहलहाने लगा है, जहां कैंपा मद अंतर्गत बीजापुर वनमंडल में भोपालपटनम परिक्षेत्र के शहर से लगे 10 हेक्टेयर क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराकर 4 हजार आम, जामुन और कटहल के फलदार पौधों का रोपण किया गया है। ‘समक्का-सारक्का कुंज’ में वर्षाऋतु 2022-23 में ही रोपण का कार्य किया गया था, जिसका अभी से बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे है और एक वर्ष के भीतर ही रोपित आम के लगभग सभी पौधो में पुष्पन हुआ तथा उनमें फल भी लगे हैं।

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इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने बताया कि भोपालपटनम के कक्ष क्रमांक 829 शहर से लगा होने के कारण विभाग के समक्ष सीमावर्ती वनभूमि में बढ़ता अतिक्रमण एक चुनौती बनी हुई थी, लेकिन सितंबर साल 2020 में विभाग द्वारा भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया और कैंपा मद अंतर्गत APO साल 21-22 में असिंचित बांस रोपण के लिए प्रस्तावित किया गया। क्षेत्र के अतिक्रमण से प्रभावित होने और वस्तुस्थिति को देखते हुए विभाग द्वारा असिंचित बांस वृक्षारोपण को सिंचित फलदार वृक्षारोपण ( चौनलिंक फेंसिंग) में परिवर्तित किया गया। (Samakka Sarakka Kunj)

वृक्षारोपण परिवर्तित होने के बाद क्षेत्र में चौनलिंक फेंसिंग किया गया। साथ ही वर्षा ऋतु – 22 में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल 4000 उच्च गुणवत्ता के पौधे रोपित किए गए। रोपित पौधों में मुख्यतः 02 हजार आम के पौधे, 01 हजार कटहल के पौधे और 01 हजार जामुन के पौधे शामिल हैं। ऐसे में रोपण क्षेत्र काफी सालों से रिक्त था, आसपास के लोग इस क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहे थे। इसके रोकथाम के लिए विभाग द्वारा वृक्षारोपण को क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेडाराम के आराध्य देवी के नाम पर ‘समक्का- सारक्का कुंज’ का नाम दिया गया। यह इसीलिए क्योंकि समक्का सरक्का देवी क्षेत्र में सर्वमान्य है और विभिन्न धर्मों समुदायों द्वारा पूजे जाते हैं। इस पहल का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला और वर्तमान में रोपण क्षेत्र में लोगों का प्रवेश पूरी तरह बंद है। (Samakka Sarakka Kunj)

वर्षा ऋतु-22 में रोपण किया गया था। उच्च गुणवत्ता के पौधों का उपयोग, नियमित सिंचाई, खाद का सही उपयोग और रखरखाव के फलस्वरूप पहले साल से ही परिणाम दिखने लगे हैं। लगभग सभी आम के पौधों में इस साल पुष्पन हुआ तथा करीब 5-6 फीट पौधों में फल लगने शुरू हो गए हैं। पौधों के समुचित विकास को ध्यान में रखते हुए सिर्फ कुछ पौधों में फल प्राप्त किया गया है। प्रयोग के तौर पर पौधों के बीच इस साल साग-सब्जी जैसे पालक, लाल भाजी, बरबट्टी, बैगन, मूली, मिर्ची और टमाटर अंतर फसल का उत्पादन लिया गया। वर्तमान में वृक्षारोपण शत प्रतिशत जीवित प्रतिशत के साथ स्वस्थ स्थिति में है। विभाग द्वारा निरंतर प्रयास कर इसे एक आदर्श वृक्षारोपण के रूप में विकसित किया जा रहा है। (Samakka Sarakka Kunj)

आलेख :
प्रेम लाल पटेल
सहायक संचालक
जनसंपर्क विभाग छत्तीसगढ़

Prem Lal Patel DPR PRO Raipur

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