Sawan Somwar: सावन का पहला सोमवार आज, इस तरह करें भगवान शिव की आराधना

Sawan Somwar: सावन के सोमवार का हिन्दू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्तों के द्वारा सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को सच्चे मन से रखता है भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं जल्द ही पूरा कर देते हैं। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। साथ ही ये व्रत अविवाहित युवतियों के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है। अगर आप भी सावन सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो किसी भी तरह का गलत काम करने से बचें।

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सावन सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और व्रत का संकल्प लें। स्नान करने के बाद शिव जी की पूजा करें। भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अवश्य अर्पित करें। भगवान शिव को घी और शक्कर का भोग लगाएं। सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। पूजा में सफेद रंग के फूल, चंदन, सुपारी, फल, फूल, चावल, पंचामृत, बिल्वपत्र, धतूरा, प्रसाद, पान, गंगाजल अवश्य शामिल करें। इन सभी चीजों से भगवान शिव, मां पार्वती, गणेश भगवान, कार्तिकेय भगवान और नंदी की पूजा करें। अपनी श्रद्धा अनुसार भगवान शंकर का अभिषेक दूध, जल, गन्ने का रस, सरसों का तेल से करें। सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें। भगवान शिव की स्तुति और आरती करें। फिर भगवान को भोग लगाएं। व्रत वाले दिन सुबह-शाम दोनो समय भगवान शंकर की पूजा करें। शाम के समय भगवान शिव की पूजा के बाद ही व्रत खोलें। इस दिन सिर्फ एक बार ही भोजन करें।

सावन में भूलकर भी न करें ये काम 

सावन में भूलकर भी दूध का अनादर नहीं करना चाहिए। शिवलिंग पर हल्दी, सिंदूर न चढ़ाएं। सावन सोमवार व्रत रखने वाले लोग सात्विक भोजन ही करें। किसी का अपमान न करें। शरीर पर तेल न लगाएं। जानवरों को प्रताड़ित न करें। भगवान शिव की पूजा में तुलसी और केतकी के फूलों का इस्तेमाल न करें। कहा जाता है कि सावन में सात्विक भोजन ही करना चाहिए। मांस, मदिरापान का सेवन न करें। ऐसा करने से शिव जी की पूजा का फल नहीं मिलता। श्रावण मास में लहसुन, प्याज खाने की भी मनाही की गई है। ये तामस्कि भोजन की श्रेणी में आते हैं। वहीं बैंगन का त्याग करें। क्योंकि सावन में इसका सेवन अशुभ होता है । इससे रोग हावी हो जाते हैं। सावन के महीने में बिस्तर का त्याग कर जमीन पर सोना चाहिए। साथ ही दिन में सोने से परहेज करना चाहिए। सिर्फ एक समय ही सोएं और बाकी का समय शिव भक्ति में लगाएं।

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सावन महीने में शरीर पर तेल न लगाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इस माह तेल का दान करना उत्तम माना जाता है। सावन में दूध का त्याग करना चाहिए। इस पूरे माह शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जाता है। कांसे के बर्तन में खाना न खाएं। शिव जी की आराधान का पूर्ण फल तभी मिलता है जब व्यक्ति अपने विचारों में सकारात्मकता रखे। ऐसे में भगवान भोलेनाथ की कृपा पाना चाहते हैं तो किसी का अनादर न करें। दूसरों के प्रति द्वेष की भावना न लाएं। गुरु, माता पाता, जीवनसाथी, दोस्त या द्वार पर आए लोगों के अपमान नहीं करना चाहिए। (Sawan Somwar Fast)

जानें क्या है सावन सोमवार व्रत का महत्व

धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने सावन माह में कठोर व्रत रखे और तपस्या की। इस वजह से ऐसा माना जाता है ये महीना भगवान को अति प्रिय है। कहते हैं कि जो भक्त इस महीने में रुद्राभिषेक करते हैं, उनकी सभी तकलीफें और परेशानियों को महादेव खत्म कर देते हैं। मान्यता है कि अगर कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहे उपयुक्त जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। कुल 16 सोमवार के व्रत रखने होते हैं। इसके अलावा यदि अविवाहित पुरुष भी यह व्रत करें तो उनके विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है। भगवान शिव बेहद क्रोध वाले देवता माने जाते हैं लेकिन इसके साथ ही उन्हें सबसे जल्दी प्रसन्न और कृपा होने वाला देवता भी माने जाते हैं। सावन सोमवार पर शिव चालीसा का पाठ करने का बहुत महत्व होता है। शिव चालीसा के शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है। (Sawan Somwar)

ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

सावन में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। सावन के सोमवार पर भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती और गणेश भगवान की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। भगवान शंकर को कनेर, बेला और चमेली का फूल बहुत प्रिय है। सावन के महीने में शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। (Sawan Somwar)

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