Shiv Sena MP Demands: शिवसेना सांसद ने की महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, जानिए क्या है वजह
Shiv Sena MP Demands: शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पार्टी के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर जब तक उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ का फैसला नहीं आ जाता तब तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। राउत ने एकनाथ शिंदे की सरकार के नए मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी की भी आलोचना की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि- बारबाडोस की जनसंख्या ढाई लाख है और वहां के मंत्रिमंडल में 27 सदस्य हैं। महाराष्ट्र की 12 करोड़ आबादी को दो लोगों का मंत्रिमंडल मनमाने ढंग से चला रहा है।
संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा कि संविधान का मान कहां रखा गया है। राउत ने मांग उठाई कि शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर जब तक उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ का फैसला नहीं आ जाता तब तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। राउत ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 164 (1-ए) कहता है कि राज्य के मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होनी चाहिए। बीते दो हफ्ते से सिर्फ दो लोगों का मंत्रिमंडल ऐसे फैसले ले रहा है जो संवैधानिक रूप से वैध नहीं हैं। माननीय राज्यपाल ये क्या हो रहा है। हालांकि हालिया अटकलों के मुताबिक 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद महाराष्ट्र में नई मंत्रिपरिषद का गठन हो सकता है। BJP के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि 20 या 21 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। राउत इस समय दिल्ली में हैं। (Shiv Sena MP Demands)
Barbados has a population of 2.5Lacs & yet has a Cabinet of 27.
Maharashtra's 12Cr population has cabinet of 2 members that is taking arbitrary decisionsWhere is the regard for Constitution?
Till the Constitut'l Bench of SC gives its verdict,impose President's rule in Mah'stra pic.twitter.com/9FfGYa1tFA
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 16, 2022
संजय ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार इसलिए नहीं हुआ क्योंकि संवैधानिक समस्या है। शिवसेना के 40 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का डर है और ये मामला उच्चतम न्यायालय में है। अगर वे मंत्री के रूप में शपथ लेंगे तो उन्हें अयोग्य ठहरा दिया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने बीते सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से कहा था कि शिवसेना के विधायकों को अयोग्य ठहराने पर कोई फैसला नहीं लिया जाए। महाराष्ट्र विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत ने शिवसेना के 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें से 40 नोटिस मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को भेजे गए हैं। साथ ही 13 अन्य नोटिस उद्धव ठाकरे के गुट को जारी किए गए हैं। दोनों गुटों ने एक दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। बता दें कि कई दिनों तक चले राजनीतिक उठा-पटक के बाद उद्धव ठाकरे को CM पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद BJP के साथ मिलकर एकनाथ शिंदे ने सरकार का गठन किया और खुद मुख्यमंत्री बने। (Shiv Sena MP Demands)
Art 164(1-A) of Indian Constitution says tht the number of Ministers,including CM in a State shal not be less thn 12. For last 2 weeks,cabinet consisting of just 2 Ministers in Mah'stra is taking decisions that are not constitutionally valid.
Hon Governor Sir,What's going on? pic.twitter.com/0lgmkFuXvR
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 16, 2022