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सीएम बघेल ने पूछा केंद्र सरकार से सवाल, अगर कोयले की कमी नहीं है तो यात्री रेलों को क्यों किया गया रद्द?

shortage of coal: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि अगर कोयले की कोई कमी (shortage of coal) नहीं है तो यात्री रेलों को रद्द क्यों किया गया है। गौरतलब है कि रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली के संकट के मद्देनजर कोयले की ढुलाई के लिए 42 यात्री रेल रद्द कर दी है जिससे कोयला उत्पादन वाले राज्यों जैसे कि छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश और झारखंड जाने वाले और वहां से आने वाले यात्रियों को असुविधा हो रही है।

बघेल ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ से 23 रेल रद्द की गई और रेल मंत्री से बातचीत के बाद उनमें से छह को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने पूछा, ‘‘अगर कोयला उपलब्ध है तो वे देशभर में रेलों का संचालन क्यों रोक रहे हैं?’’

मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन से इतर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार विदेश से महंगे कोयले का आयात कर रही है लेकिन राज्यों को 3,000 से 4,000 रुपये प्रति टन की बहुत अधिक सस्ती दरों पर संशोधित रॉयल्टी का भुगतान नहीं कर रही है जबकि विदेश से 15,000 से 20,000 रुपये प्रति टन पर कोयले का आयात कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विदेश से महंगा कोयला खरीदकर राज्यों को नुकसान पहुंचा रही है। अगर कोयले की कमी है तो खनन बढ़ाना चाहिए। बघेल ने बिजली संकट के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘क्या केंद्र सरकार हालात नहीं देख रही थी?’’

गैर भाजपा शासित राज्यों के पेट्रोल और डीजल पर वैट कम न करने के बारे में पूछने पर बघेल ने पूछा कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर उपकर क्यों नहीं खत्म कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि असम में पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं और सरकार एलपीजी के दाम क्यों बढ़ा रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार उपकर क्यों नहीं कम करती? केंद्र राज्यों को जीएसटी मुआवजा क्यों नहीं दे रहा है?’’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को केंद्र की ओर से 30,000 करोड़ रुपये देने हैं।

कांग्रेस के मीडिया सम्मेलन में उसकी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पूछा कि सरकार बिजली संकट से उबरने के लिए क्या कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपना काम नहीं कर रही है क्योंकि उसने गर्मियों के मौसम में जब बिजली की मांग अधिक रहती है तो उसके लिए कोई योजना नहीं बनायी।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी शासित 12 राज्यों समेत 16 राज्यों में 10 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। उन्होंने यह भी पूछा कि बिजली उत्पादन के लिए देश में बिजली संयंत्रों को कोयले की पूरी आपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है। श्रीनेत कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार बिजली की उच्च मांग पर योजना बनाने के बजाय अपनी नाकामियों के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने यह भी पूछा कि 200 से अधिक रेलों को क्यों रद्द किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा सरकार द्वारा ‘‘योजना न बनाने’’ का नतीजा है।

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