विधानसभा चुनाव से पहले बदल सकते हैं बीजेपी के सभी पुराने चेहरे, चुनाव जितने ये रणनीति अपनाएगी पार्टी

Chhattisgarh Election 2023 : छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव जितने के लिए बीजेपी और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। जिस तरह चुनाव नजदीक आ रहे हैं। उसी तरह टिकिट के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। लेकिन एक चर्चा पूरे छत्तीसगढ़ में है कि बीजेपी मिशन 2023 के लिए पुराने चेहरों को पूरी तरह से बदलना चाहती है। बीजेपी के सभी दिग्गज नेताओं को पार्टी किनारे करना चाहती है। इससे विधानसभा चुनाव में कितना असर पड़ेगा।

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Chhattisgarh Election 2023 : पुराने नेता होंगे साइडलाइन

दरअसल बीजेपी ने लगातार 2018 विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद लगातार 5 उपचुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को बुरी तरह पटखनी दी है।

लगातार हार का सामना कर रही बीजेपी 2023 में किसी हाल में सत्ता में वापसी के लिए रणनीति बना रही है। बीजेपी हाईकमान ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी के संगठन में लगभग बदलाव कर दिया है। बिलासपुर सांसद को छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है और ओम माथुर को छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी गई है। इससे पहले बीजेपी हाईकमान ने पिछले 4 साल में 3 प्रदेश अध्यक्ष और 3 प्रदेश प्रभारी बदले हैं।

बीजेपी नेताओं को सता रहा गुजरात फार्मूला का डर

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले साल गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को रिकॉर्ड जीत मिली। इसकी खुशी देशभर में बीजेपी ने मनाई लेकिन छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियारों में पूर्व मंत्रियों और बीजेपी से लंबे समय से विधायक रह चुके दिग्गज नेताओं को टिकट कटने का डर सता रहा है। बता दें कि बीजेपी ने गुजरात में अपने 45 विधायकों के टिकट काट दिए दिए थे।

उनकी जगह युवाओं को बीजेपी ने मौका दिया और उसमें से 43 प्रत्याशी जीते। इस लिहाजा क्या पार्टी इसी फार्मूले का पालन छत्तीसगढ़ में भी कर सकती है। यह सवाल खड़ा होता है। हालांकि छत्तीसगढ़ में केवल 14 विधायक ही बीजेपी के हैं। लेकिन 2018 में हार का सामना करने वाले भी फिर से टिकट के उम्मीद में सक्रिय हो गए हैं।

Chhattisgarh Election 2023 : कटा था सभी सांसदों का टिकट

2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत के बाद अगले साल लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस का पलड़ा भारी था। राज्य के 11 लोकसभा सीट में 10 बीजेपी के पास थे और 1 कांग्रेस के पास। बीजेपी ने 2019 में सभी 10 बीजेपी सांसदों की टिकट काट दी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बेटे और राजनांदगांव से सांसद रहे अभिषेक सिंह की टिकट भी कटी थी।

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रायपुर से 7 बार के सांसद रहे रमेश बैस की टिकट कट गई। इसी तरह कई दिग्गज नेताओं की बीजेपी ने टिकट काट दी थी। लेकिन इसका चुनावी असर कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी के पक्ष में दिखा। छत्तीसगढ़ के 11 में से 9 लोकसभा सीट में जीत मिली।

बीजेपी युवा चेहरों को सामने रख रही है

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी नए चेहरों पर विचार कर रही है। पार्टी छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी के लिए ग्राउंड पर युवाओं को उतार रही है। इसके पीछे कहानी ये समझ में आ रही है कि बीजेपी के पुराने नेताओं का असर कम होने लगा है। जनता के बीच युवाओं को लेकर जा रही है ताकि लोगों को नए नेताओं के साथ नई उम्मीद जुड़ जाए। इसका चुनाव में असर भी देखने को मिल सकता है। छत्तीसगढ़ को कांग्रेस ने अपना मजबूत गढ़ बनाया है वहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर हो सकता है।

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