ओडिशा रेल हादसा पिछले 15 सालों में देश में सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक, जानें देश का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा

Train Accident :ओडिशा के बालासोर के बहनागा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम को तीन ट्रेनों की टक्कर के बाद से बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है, जबकि कम से कम 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राज्य के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने शनिवार को इसकी पुष्टि की।

शुक्रवार की शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए। यह हादसा पिछले 15 सालों में देश में सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक है। मुख्य सचिव ने कहा कि 30 बसों के साथ 200 से अधिक एंबुलेंस को सेवा में लगाया गया है।

एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, ओडिशा अग्निशमन सेवा के साथ-साथ कई स्वयंसेवी संगठनों ने रातभर क्षतिग्रस्त कोचों के ढेर में फंसे बचे लोगों और शवों की तलाश जारी रखी। दिल्ली में रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे मलबे की छानबीन के बाद ही हताहतों की सही संख्या स्पष्ट हो सकेगी।

देश में 16 महीने बाद हुआ रेल हादसा (Train Accident)

ओडिशा रेल हादसे से पहले 14 जनवरी 2022 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में दोमोहानी के पास हादसा हुआ था, जिसमें 9 लोगों की जान चली गई थी। राजस्थान के बीकानेर से असम के गुवाहाटी जा रही बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस की 12 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। तब 34 महीने बाद रेल हादसा हुआ था। अब 16 महीने बाद यानी जून 2023 में देश में दूसरा रेल हादसा सामने आया है।

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देश में कब-कब रेल हादसे (Train Accident) हुए 

जून 1981: बिहार में 6 जून 1981 को एक ट्रेन मानसी और सहरसा के बीच पुल पाल करते समय पटरी से उतर गई थी और सात डिब्बे बागमती नदी में गिर गई थी। इस हादसे में 800 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह अब तक भारत और दुनिया के सबसे खतरनाक रेल हादसों में से एक है।

अगस्त 1995: दिल्ली से कानपुर के बीच चलने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस हादसे में दोनों ट्रेनों के 360 से अधिक यात्री मारे गए थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस घटना के लिए मैन्युअल त्रुटि को जिम्मेदार ठहराया गया था। कहा जाता है कि पटरी पर जानवर के मरने के बाद कालिंदी एक्सप्रेस के ब्रेक जाम हो गए और ट्रैक पर ही रुक गए। साथ ही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस को भी उसी ट्रैक पर चलाने की अनुमति दी गई। पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने कालिंदी एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी जिससे हादसा हो गया था।

26 नवंबर 1998: जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब खन्ना में अमृतसर जाने वाली फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के साथ हादसे की शिकार हुई थी। पटरी टूटी होने के कारण स्वर्ण मंदिर मेल ट्रेन के 3 डब्बे पटरी से उतर गए थे। वहीं जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस भीषण हदसे में 280 से अधिक यात्रियों की जान गई थी।

28 मई 2010: मुंबई जाने वाली हावड़ा कुर्ला लोकमान्य तिलक ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले में खेमशौली और साडीहा के बीच रात 1:30 बजे पटरी से उतर गई थी। इसके बाद एक मालगाड़ी ने आकर टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 235 यात्रियों की जान चली गई थी।

9 सितंबर 2002: हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस गया और डेहरी-ऑन-सोन स्टेशनों के बीच रफी गंज स्टेशन के पास पटरी से उतर गई थी। मैनुअल फॉल्ट के कारण ह दुर्घटना हुई थी। इसमें 130 से अधिक लोग मारे गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जिस ट्रैक पर ट्रेन चल रही थी वह ब्रिटिश काल का था। भारी बारिश के कारण पटरी में दरार आ गई थी।

2 अगस्त 1999: उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल के अवध में अवध-असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर में करीब 268 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में 359 से अधिक लोग घायल हो गए थे। ब्रह्मपुत्र मेल भारतीय सैनिकों को असम से सीमा तक लेकर जा रहा था। वहीं, अवध असम एक्सप्रेस गुवाहाटी जा रही थी। गुस्लर के पास एक स्टेशन पर खड़ी थी। सिग्नल फेल होने के कारण ब्रह्मपुत्र मेल को उसी ट्रैक पर आगे बढ़ने की हरी झंडी दे दी गई थी। रात करीब 1:30 बजे अवध असम एक्सप्रेस ने सामने से टक्कर मार दी।

अक्टूबर 2005:आंध्र प्रदेश में वेलुगोंडा के पास एक पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में कम से कम 77 लोग मारे गए थे।

जुलाई 2011: फतेहपुर में एक मेल ट्रेन के पटरी से उतरने से करीब 70 लोगों की मौत हो गई थी। 300 से ज्यादा घायल हो गए थे।

नवंबर 2016: उत्तर प्रदेश में एक एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने से 146 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए थे।

जनवरी 2017: आंध्र प्रदेश में एक पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई थी।

अक्टूबर 2018: अमृतसर में एक दिल दहला देने वाली हादसा हुई थी। पटरियों पर जमा भीड़ को ट्रेन कुचल देती है। इस हादसे में कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई थी।

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