किडनी की बीमारी से गरियाबंद में एक और मौत, अब तक 87 लोगों की मौत

Supebeda News: गरियाबंद के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से जान गंवाने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच एक और बीमारी मरीज ने दम तोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि 36 साल का युवक 3 साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहा था, जिसकी शुक्रवार को मौत हो गई। मरीज का 18 बार डाइलिसिस हो चुका था। मरीज ने देवभोग, गरियाबंद और रायपुर AIIMS तीनों जगहों पर डायलिसिस कराया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। बता दें कि किडनी की बीमारी की वजह से जिले में साल 2011 से अब तक 87 लोगों की मौत हो चुकी है। (Supebeda News)

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लाख कोशिशों के बाद भी सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से मौत का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को धर्मेंद्र नेताम ने भी दम तोड़ दिया। परिजनों के मुताबिक  धर्मेंद्र 2021 से किडनी रोग से पीड़ित था। युवक का देवभोग और गरियाबंद के अलावा एम्स में अब तक कुल 18 बार से ज्यादा बार डायलिसिस हो चुका था। निजी और सरकारी तौर पर उसका लगातार इलाज जारी था। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ते ही उसे देवभोग अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। (Supebeda News)

परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से किया इनकार

वहीं मामले में BMO सुनील रेड्डी ने कहा कि मृतक के परिजनों को पोस्टमॉर्टम के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। परिजनों ने कहा कि उसकी स्वाभाविक मौत हुई होगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही असली कारणों का पता चलता। हालांकि किडनी फेल होने से मौत होना कहना जल्दबाजी होगी।2011 से अब तक सुपेबेड़ा में किडनी रोग से 87 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक सुपेबेड़ा के 22 ग्रामीणों का क्रिएटिन लेवल बढ़ा हुआ है, जिसमें एक पीड़ित का गांव में ही पेरिटोनियल डायलिसिस चल रहा है। (Supebeda News)

राज्यपाल बनने के बाद उइके ने किया था गांव का दौरा

इधर, गांव में लागू नल जल योजना का काम घोषणा के 3 साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है। तेल नदी में स्ट्रक्चर खड़ा कर पानी को साफ करने के लिए 12 करोड़ की मंजूरी मिली हुई है, लेकिन अब तक टेंडर प्रक्रिया स्तर पर ही मामले की फाइल लटकी हुई है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित सुपेबेड़ा किडनी रोग से प्रभावित एक गांव है। अनुसुईया उइके ने जुलाई 2019 में प्रदेश के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद अक्टूबर 2019 में सुपेबेड़ा गांव का दौरा किया। उन्होंने तत्काल इसके कारण और समाधान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। (Supebeda News)

उइके ने अधिकारियों को दिए थे ये निर्देश

उन्होंने न सिर्फ पीड़ित परिवारों के परिजनों को सांत्वना दी बल्कि उन परिवारों का सहयोग करने के साथ-साथ आगे लोग इस बीमारी से ग्रसित न हों, इस दिशा में प्रयास किए। उइके की पहल से सुपेबेड़ा के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 14 करोड़ रूपए की लागत के वाटर फिल्टर प्लांट की स्वीकृति भी दी गई। उइके ने प्रशासन को भी सतत रूप से सुपेबेड़ा के लोगों को सहयोग करने के निर्देश दिए थे। किडनी रोग के इलाज के लिए रायपुर आने वाले मरीजों को रक्त की उपलब्धता समेत भोजन और आवास की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा था। उनके प्रयास से सुपेबेड़ा में डायलिसिस की सुविधा की प्रारंभ की गई थी। (Supebeda News)

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