दिल्ली के LG और CM को सुप्रीम कोर्ट की सलाह, केंद्र के अध्यादेश पर 20 जुलाई को होगी सुनवाई

Delhi LG and CM: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के LG और मुख्यमंत्री को साथ मिलकर काम करने की सलाह दी है। दरअसल, कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार की दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। पहली याचिका दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन यानी DERC के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर थी। दूसरा मामला दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ था। इस पर सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल वीके सक्सेना मिलकर DERC के चेयरमैन का नाम तय करें।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि LG और मुख्यमंत्री दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं। इन लोगों को लड़ाई-झगड़े से ऊपर उठना चाहिए। दोनों साथ बैठें और DERC के चेयरमैन का नाम तय कर हमें बताएं। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ सुनवाई की। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि हम ये मामला पांच जजों के संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं। फिर संविधान पीठ तय करेगा कि क्या केंद्र इस तरह संशोधन कर सकता है या नहीं? इस पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। (Delhi LG and CM)

केंद्र ने अपने हलफनामा में कहा कि संविधान का आर्टिकल 246(4) संसद को भारत के किसी भी हिस्से के लिए और किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता है, जो किसी राज्य में शामिल नहीं है। केंद्र ने कहा कि संसद सक्षम है और उसके पास उन विषयों पर भी कानून बनाने की शक्तियां हैं, जिनके लिए दिल्ली की विधानसभा कानून बनाने के लिए सक्षम होगी।हालांकि मामले में अभी तक फैसला नहीं हुआ है। इसकी अगली सुनवाई 20 जुलाई यानी गुरुवार को होगी। कोर्ट तब तय करेगा कि अध्यादेश का मामला संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं। बता दें कि 16 जुलाई को ही कांग्रेस ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की है। (Delhi LG and CM)

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