Suryadev Ki Pooja: इस तरह करें भगवान सूर्य की पूजा, दूर होंगे सारे कष्ट

Suryadev Ki Pooja: रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। कहा जाता है कि रविवार के दिन व्रत और पूजा करने से भगवान सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि रविवार व्रत रखने से सभी संकटों का नाश हो जाता है और साथ ही आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हिंदू धर्म में पंचदेवों में से सूर्य देव भी एक माने गए हैं। वहीं ज्योतिष में भी सूर्य का बहुत महत्व माना गया है। ज्योतिष के मुताबिक सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। ये मनुष्य के जीवन में मान-सम्मान, पिता-पुत्र और सफलता का कारक माना गया है।

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ज्योतिष के मुताबिक सूर्य हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस तरह से बारह राशियों में सूर्य एक साल में अपना चक्र पूर्ण करते हैं। सूर्य को आरोग्य का देवता माना गया है। सूर्य के प्रकाश से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। सूर्य को प्रतिदिन जल देने से जातक को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। सूर्य देव की कृपा पाने और कुंडली में सूर्य की अनुकूलता बनाएं रखने के लिए प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इससे आपको समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। (Suryadev Ki Pooja)

ऐसे करें आराधना

हर रविवार को सूर्य पूजन और सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करने से लाभ मिलता है। ये सूर्य मंत्र आपकी समस्त मनोकामना पूर्ण करने में आपकी सहायता करते हैं। यह अनुभूत प्रयोग है। रविवार के दिन नीचे दिए गए मंत्रों में से जो भी मंत्र आसानी से याद हो सकें उसके द्वारा सूर्य देव का पूजन-अर्चन करें। फिर अपनी मनोकामना मन ही मन बोलें। भगवान सूर्य नारायण आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करेंगे। सूर्यदेव (Suryadev) की न सिर्फ उदय होते हुए बल्कि अस्त होते समय भी पूजा की जाती है। सूर्य देव की डूबते हुए साधना सूर्य षष्ठी के पर्व पर की जाती है, जिसे हम छठ पूजा के रूप में जानते हैं। इस दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देने से इस जन्म के साथ-साथ, किसी भी जन्म में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। (Suryadev Ki Pooja)

सूर्य की दिन के तीन प्रहर की साधना विशेष रूप से फलदायी होती है। सुबह के समय सूर्य की साधना से आरोग्य की प्राप्ति होती है। दोपहर के समय की साधना साधक को मान-सम्मान में वृद्धि कराती है। संध्या के समय की विशेष रूप से की जाने वाली सूर्य की साधना सौभाग्य को जगाती है और संपन्नता लाती है। सूर्य देव की साधना में मंत्रों का जप करने पर मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती है। सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कई तरह की बीमारी और जीवन से जुड़े अपयश दूर हो जाते हैं। सूर्य के आशीर्वाद से आपके भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। (Suryadev Ki Pooja)

इस तरह करें सूर्यदेव की पूजा

मान्यता के मुताबिक अगर आप पूरे हफ्ते सूर्यदेव को जल अर्पित न कर सकें हो, तो रविवार के दिन सूर्यदेव (Suryadev) को जल अवश्य अर्पित करें। तांबे के लोटे में लाल रंग के फूल डालकर जल अर्पित करने से लाभ होता है। ऐसे में जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। रविवार के दिन परिवार के लोगों के माथे पर चंदन का तिलक अवश्य लगाएं। हर रविवार सूर्यदेव का व्रत करने से कार्यक्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि रविवार के दिन व्रत रखने से आंख और स्किन संबंधी रोग से मुक्ति मिलती है। इस दिन आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए। (Suryadev Ki Pooja)

इन चीजों को करने से प्रसन्न होते हैं सूर्य

इस दिन तेल से बने खाद्य पदार्थ किसी जरूरतमंद को खिलाने से लाभ होता है। बड़े-बुजुर्गों की सेवा कर उनका आशीर्वाद (Suryadev) प्राप्त करें। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। रविवार के दिन तांबे के बर्तन, पीले या लाल रंग के वस्त्र, गेहूं, गुड़, लाल चंदन का दान करना शुभ माना जाता है। रविवार के दिन सुबह घर से निकलने से पहले गाय को रोटी खिलाएं। इतना ही नहीं, इस दिन एक पात्र में जल लेकर बरगद के वृक्ष पर चढ़ाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं।

इस तरह करें सूर्यदेव की उपासना

सूर्यदेव की उपासना के लिए रविवार की रात अपने सिरहाने दूध का गिलास रखकर सोएं और सुबह इस दूध को बबूल के पेड़ की जड़ में डाल दें। इतना ही नहीं, इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पद-प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है। रविवार के दिन काली गाय (Suryadev) को रोटी और काली चिड़िया को दाना डालें। इस दिन मछलियों को आटे की गोली बनाकर खिलाएं। कहते हैं कि इस दिन पैसों से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए।

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