कोरिया के आचार-पापड़, जांजगीर के कोसा, चलो संगी मड़ई में खाबो मिलेट के डोसा

Raipur Me Mahila Madai: राजधानी रायपुर में चल रहे महिला मड़ई में महिलाओं की आर्थिक तरक्की की झलक दिखी। प्रदेशभर से महिला समूह अपने उत्पादों को लेकर यहां पहुंची है। इनमें जांजगीर का प्रसिद्ध कोसा, बस्तरिया आर्ट की विभिन्न कलाकृतियां, मिलेट के स्वादिष्ट खाद्य उत्पाद, हस्तशिल्प और अन्य सजावटी सामान ने प्रमुख रूप से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। महिलाओं द्वारा इस मड़ई में 64 स्टॉलों के जरिए अपने समूह के उत्पादों में सामाग्री की बिक्री सह प्रदर्शनी लगाई गई थी।

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महिला बाल विकास विभाग द्वारा बीटीआई ग्राउंड में आयोजित इस मड़ई में कोरिया फेडरेशन की जिला अध्यक्ष नीलिमा चतुर्वेदी ने बताया कि फेडरेशन के अंतर्गत 15 हजार महिला स्वसहायता समूह काम करती है। फेडरेशन से 1.50 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं। हर समूह को प्रतिमाह 50 हजार से एक लाख रूपए तक की आमदनी होती है। उन्होंने बताया कि समूह द्वारा उत्पादित आचार, पापड़, चिप्स, पोहा, मुर्रा, लड्डू, चटनी, कुकीज, नमकीन, चना, बिस्किट महिला हॉस्टल, छात्रावास, मध्यान्ह भोजन में दिया जाता है। उनके फेडरेशन को राष्ट्रपति और मिनीमाता सम्मान से सम्मानित किया गया है। (Raipur Me Mahila Madai)

उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा है कि समूह द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री को लेकर वे निश्चित है, क्योंकि सी-मार्ट के माध्यम से सभी उत्पाद बाजार में आसानी से उपलब्ध होने के साथ उनकी बिक्री भी जल्दी हो जाती है। कोरबा जिले के कथरिमाल गांव की संयम स्वसहायता समूह की श्रीमती भागबाई बंजारे बताती है कि समूह की महिलाएं एक दिन में चार से पांच सौ बल्ब बना लेती है। उनके द्वारा 9 वॉल्ट और 12 वॉल्ट के बल्ब बनाए जाते है। समूह की महिलाएं पिछले 2 सालों से बल्ब बनाने का काम कर रही है। इससे प्रतिमाह हर सदस्य को चार से पांच हजार रूपए की आमदनी होती है। (Raipur Me Mahila Madai)

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की नेक महिला स्वसहायता समूह सजावटी समान और मनिहारी के सामान बनाकर जगह-जगह स्टॉल लगाकर उनकी बिक्री करता है। खास बात यह है कि समूह में 20 सदस्य है और सभी दिव्यांग है। समूह की महिलाएं प्रतिमाह 30 हजार से ज्यादा की आमदनी कर लेती है। वहीं, रोशनी समृद्ध सरगुजा सह समिति अंबिकापुर की जशमीता बखला बताती है कि 9 सदस्य मिलकर फिनाईल और वाशिंग पाउडर बनाने का काम करती है। महीने में हर सदस्य को 2 से लेकर ढ़ाई हजार रूपए तक की आमदनी हो जाती है। (Raipur Me Mahila Madai)

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