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Voter Card: 17 साल उम्र वालों का भी बनेगा वोटर कार्ड, इस तरह करें अप्लाई

Voter Card: छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी. दयानंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने भारत सरकार के परामर्श से किए गए विभिन्न नियमों में संशोधनों के बारे में जानकारी दी। इसमें नए वोटर कार्ड को इंट्रोड्यूस किया गया। इस कार्ड को नए रंगों में सिक्योरिटी फीचर्स और हॉलमार्क के साथ तैयार किया गया है। अफसर ने बताया कि इसके साथ ही नए वोटर कार्ड के लिए अप्लाई करने, आधार से लिंक करने जैसे नए नियम भी जारी किए गए हैं। इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शिखा राजपूत तिवारी भी मौजूद थीं।

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भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक अब 17 साल के युवा भी वोटर कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे। 18 साल के होने पर उन्हें वोट देने का अधिकार होगा और वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा। 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को साल में चार बार वोटर कार्ड के लिए अप्लाई किया जा सकेगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी दयानंद ने बताया कि आधार से भी वोटर कार्ड लिंक होगा। ये व्यवस्था फिलहाल अनिवार्य नहीं हैं। इच्छुक लोग इसे लिंक करवा सकेंगे। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक जिन लोगों की आयु 1 जनवरी 2023 में 18 साल पूरी हो रही है, वह भी वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। (Voter Card)

   

नए मतदाता अपनी पहचान करने के लिए रजिस्ट्रेशन के समय आधार नंबर दे सकते हैं। मतदाता सूची में नाम जोड़ने के बाद प्रत्येक मतदाता को इपिक कार्ड जारी किया जाएगा, जिनके नाम पहले से ही मतदाता सूची में सम्मिलित हैं, वे भी 1 अगस्त से 1 अप्रैल 2023 तक अपने आधार नंबर, वोटर ID में अपडेट करवा सकते हैं। इसके लिए नया फॉर्म 6 बी भरा जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी. दयानंद ने बताया कि वोटर कार्ड को नए सुरक्षा मानकों के साथ जारी किया जाएगा। कार्ड बनने के बाद एक अगस्त से इसका वितरण बूथ लेवल अधिकारी से न करवाकर डाक द्वारा स्पीड पोस्ट से कराया जाएगा। (Voter Card)

आयोग की ओर से किए गए संशोधन 

 पंजीकृत मतदाताओं के आधार संख्या संकलन के लिए प्रावधान जोड़ा गया है। मतदाता सूची में प्रविष्टियों को प्रमाणित करने और त्रुटिरहित बनाने के लिए पंजीकृत शत-प्रतिशत मतदाताओं से संपर्क कर, आधार संख्या आयोग के संभावित लक्ष्य दिनांक 01 अप्रैल 2023 के पहले एकत्रित किया जाना है । इसके लिए नवीन फार्म 6-ख अधिसूचित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं की पहचान स्थापित करना और एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण या एक से अधिक बार उसी निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण की पहचान करना है ताकि भविष्य में मतदाताओं को बेहतर चुनावी सेवायें उपलब्ध कराईं जा सकें। (Voter Card)

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार आधार एकत्रीकरण का कार्य 01 अगस्त 2022 से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से प्रारम्भ किया जाएगा। मतदाताओं द्वारा आधार संख्या दिया जाना स्वैच्छिक है, आधार संख्या उपलब्ध नहीं कराने पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा किसी भी परिस्थिति में मतदाता सूची में दर्ज प्रविष्टि को नही हटाया जाएगा । फॉर्म 6ख में मतदाताओं के आधार प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सभी मतदान केन्द्रों पर माह सितम्बर से प्रत्येक माह एक दिन विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।  (Voter Card)

नागरिकों के मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए निर्धारित प्रपत्रों में संशोधन किए गए हैं-मतदाताओं के पंजीकरण के लिए भरे जाने वाले प्रपत्रों को सुविधाजनक बनाया गया है। निर्वाचक पंजीकरण (संशोधन) नियम-2022 के तहत प्रतिस्थापन मतदाता फोटो परिचय पत्र (एपिक) जारी करने के लिए आवेदन को समाप्त कर प्रपत्र-8 में इसका प्रावधान किया गया है। एक ही विधानसभा क्षेत्र के भीतर निवास स्थानांतरण के मामलों के लिए प्रपत्र-8क को समाप्त कर, प्रपत्र-8 में ही इसके लिए प्रावधान किया गया है। आधार संकलन के लिए नया प्रपत्र-6ख जोड़ा गया है । संशोधित प्रपत्र-6 अब केवल नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए कर दिया गया है तथा इसमें एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण के लिए आवेदन के प्रावधान को हटाकर संशोधित प्रपत्र 8 में शामिल किया गया है। अनाथ व्यक्ति के प्रकरणों में कानूनी अभिभावक का विवरण अब रिश्तेदारों के विवरण के अंतर्गत दिए जा सकने का संशोधन भी इस प्रपत्र में किया गया है। जन्म और निवास के प्रमाण के लिए दस्तावेज निर्धारित किए गए हैं ताकि प्रपत्रों का त्वरित निराकरण हो सके। प्रवासी मतदाता के पंजीकरण के लिए आयोग द्वारा निर्धारित फॉर्म 6क में कोई संशोधन नहीं किया गया है। (Voter Card)

प्रपत्र-7 में मतदाता सूची में नाम हटाने के लिए मृत्यु प्रमाण-पत्र संलग्न करने का प्रावधान किया गया है। आयोग के नवीनतम निर्देशों के अनुसार संशोधित फॉर्म 8 में मतदाता के निवास स्थानातरण, वर्तमान निर्वाचक नामावलियों की प्रविष्टियों में सुधार, प्रतिस्थापन एपिक एवं मतदाताओं का दिव्यांगजन के रूप में चिन्हाकन का प्रावधान किया गया है।  आपत्तियों की सूची में सुधार करने के लिए मौजूदा फार्म 11 तथा 11क के साथ ही एक नया फार्म 11ख प्रस्तावित किया गया है, जिसमें फार्म 8 में प्राप्त एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण कराने के लिए प्राप्त आवेदनों की सूची तैयार की जाएगी। इसी प्रकार से फॉर्म 7, 11, 11क, और 11 ख को छोड़कर शेष सभी मतदाता प्रपत्रों में मतदाताओं के आधार विवरण प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है।

मतदाताओं के पंजीकरण हेतु 04 अहर्ता तिथियां निर्धारित की गई है-नए संशोधन के उपरांत अब निर्वाचक नामावली में नाम जुड़वाने के लिए अहर्ता तिथि 01 जनवरी के स्थान पर प्रत्येक वर्ष में 4 बार 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई तथा 01 अक्टूबर निर्धारित की गई है । निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के द्वारा प्रपत्र-5 में प्ररूप प्रकाशन की सूचना जारी कर प्रत्येक वर्ष की 4 अहर्ता तिथियों के संदर्भ में दावा-आपत्ति आमंत्रित की जाएगी। ऐसे आवेदक,व्यक्ति और नागरिक जो 01 जनवरी के साथ-साथ इसके पश्चात् की अहर्ता तिथियों अर्थात् 01 अप्रैल, 01 जुलाई, 01 अक्टूबर के संदर्भ में पंजीकरण के लिये भी पात्र हो रहे है, वे भी अपने आवेदन प्ररूप-6 में अग्रिम रूप से जमा कर सकेंगे।

अन्य शब्दों में वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण की प्रक्रिया के दौरान 4 तिथियों के संदर्भ में पात्र होने वाले आवेदक, व्यक्ति और नागरिकों को निर्वाचक नामावली के प्ररूप प्रकाशन की तिथि से शुरू होने वाले वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान पंजीकरण के लिए अपना अग्रिम आवेदन जमा किये जाने की सुविधा प्रदान की गई है। 01 जनवरी के बाद की तिथियों के संबंध में प्राप्त होने वाले आवेदन डिजीटाईज करके रखे जाएंगे और इनका निराकरण निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा संबंधित अहर्ता तिथि के माह में किया जाएगा । अग्रिम आवेदन न कर सकने वाले युवा नागरिक मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद भी संबंधित तिमाही में सतत अद्यतनीकरण के दौरान आवेदन कर सकेंगे ।

अन्य संशोधन-आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 में संशोधन कर मतदान केद्रों, मतगणना के लिये, मतपत्र भण्डारण, मतदान सामग्री, सुरक्षा बलों और मतदान कार्मिकों के आवास हेतु परिसर की आवश्यकता को देखते हुये इनके अधिग्रहण का प्रावधान तथा सेवा एवं विशेष निर्वाचकों के लिए प्रावधान करते हुए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम-1961 में संशोधन कर ‘‘पत्नी’’ शब्द के लिये ‘पति या पत्नी’’ प्रतिस्थापित किया गया है। संशोधित सभी प्रपत्र और नियम 01 अगस्त 2022 से प्रभावशील होंगे। 01 अगस्त 2022 से ईआरओ नेट और इससे जुड़ी आईटी एप्लीकेशन नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल (एनवीएसपी पोर्टल), वोटर हैल्पलाइन एप एवं गरुड़ एप में नये आवेदन प्रपत्र और प्रक्रिया उपलब्ध होगी। आगामी वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान इन संशोधनों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आम नागरिकों को इससे अवगत कराया जावेगा । 

विशेष संक्षिप्त संशोधन तिथि 1 जनवरी 2023

हर साल की तरह इस साल भी फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण हेतु आयोग द्वारा विस्तृत कार्यक्रम और निर्देश जारी कर दिया गया है।  इस साल के कार्यक्रम में आयोग द्वारा जारी तिथि यानी 1 जनवरी 2023 के साथ- साथ 01 अप्रैल, 01 जुलाई और 01 अक्टूबर 2023 की तिथि में पात्रता रखने वाले युवा नागरिकों कोे भी अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए अग्रिम आवेदन की सुविधा प्रदान की गई है। ऐसे आवेदक 09/11/2022 से 08/12/2022 तक अपना आवेदन कर सकेंगे। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा सिर्फ 01 जनवरी 2023 से संबंधित दावा-आपत्ति का निराकरण किया जाएगा। साथ ही मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 05 जनवरी 2023 को किया जाएगा।

अंतिम प्रकाशन के बाद भी तिथि में पात्रता रखने वाले व्यक्तियों के द्वारा आवेदन किया जा सकेगा। 01.01.2023 के बाद  01 अप्रैल, 01 जुलाई और 01 अक्टूबर) के संबंध में निर्वाचक नामावलियों के संशोधन के दौरान और उसके बाद प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण संबंधित तिमाही के प्रथम माह को निर्धारित प्रक्रिया द्वारा निराकृत किया जाएगा। संशोधन में इस बार आयोग द्वारा किये गये संशोधन अनुसार नए प्रपत्रों में आवेदन प्राप्त किए जाएंगे । यह ध्यान रहे कि एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानातंरण के लिए आवेदन प्ररूप-6 के स्थान पर प्रपत्र-8 में प्राप्त किए जाएंगे और इसी दौरान पंजीकृत मतदाताओं से आधार संख्या संकलन प्ररूप में किया जाएगा ।

निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के द्वारा प्रत्येक सप्ताह प्राप्त दावा-आपत्तियों की सूची से राजनैतिक दलों को अवगत कराया जाएगा। साथ ही यह सूची कार्यालय के सूचना पटल एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के वेबसाइट पर भी प्रदर्शित की जाएगी। सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को प्रारंभिक प्रकाशन और अंतिम प्रकाशन की मतदाता सूची निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी ।  सभी राजनैतिक दलों से अपील की जाती है कि वे इस विशेष संक्षिप्त संशोधन में सभी मतदान केन्द्रों के लिए बूथ लेबल एजेंट नियुक्त कर मतदाता सूची की विसंगतियों को दूर करने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें ।

संशोधन की कुछ जरूरी बातें

वोटरलिस्ट से नाम हटाने अब डेथ सर्टिफिकेट देना होगा। चुनाव के वक्त बूथों, मतगणना, मतपत्र भंडारण, मतदान सामग्री और सुरक्षा बलों मतदान कर्मचारियों के आवास के लिए परिसर की जरूरत को देखते हुए इनके अधिग्रहण का प्रावधान, सेवा एवं विशेष निर्वाचकों के लिए जेंडर नेचरल का प्रावधान किया गया है। यहां पत्नी की जगह पति -पत्नी शब्द का प्रावधान किया गया है। नए कलेवर में वोटरकार्ड कई सिक्योरिटी फीचर्स के साथ बनेगा। इनमें क्यूआर कोड, माइक्रो टेक्स्ट, पैटर्न, होलोग्राम और घोस्ट इमेज रहेगी। महाराष्ट्र की एम-टेक इनोवेशन लिमिटेड पुणे को यह काम दिया गया है। होलोग्राम कर्नाटक के मणिपाल टेक्नॉलॉजिस लिमिटेड बनाएगा। वोटरों तक इसे पहुंचाने डाक विभाग से MoU हुआ है। वोटरों को नए कार्ड के साथ वैलकम लेटर, वोटरगाइड, प्लेज और एनवलप भी दिया जाएगा। (Voter Card)

मतदाता फोटो परिचय पत्र

वर्तमान में एपिक कार्ड प्रिंटिंग वर्तमान में एपिक कार्ड प्रिंटिंग का कार्य CSC के माध्यम से कराया जा रहा था। भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा नए सिक्योरिटी फीचर्स के साथ एपिक कार्ड बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। नए सिक्योरिटी फीचर्स में QR कोड, माइक्रो टेक्स्ट, गुइल्लोचे पैटर्न, होलोग्राम, घोस्ट इमेज का होना जरूरी है। एपिक प्रिंटिंग के लिए M-TECH Innovations Ltd, पुणे,महाराष्ट्र का चयन किया गया है। होलोग्राम निर्माण के लिए Manipal Technologies Limited मणिपाल,कर्नाटक का चयन किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार एपिक कार्ड सिर्फ डाक विभाग के माध्यम से मतदाता को उपलब्ध करवाना है, जिसके लिए कार्यालय ने डाक विभाग के साथ MOU का निष्पादन किया है। एपिक कार्ड के साथ वेलकम लैटर, वोटर गाइड, वोटर प्लेज और एनवलप भी प्रदाय किया जाएगा। संशोधन से संबंधित नियमों की जानकारी के लिए क्लिक करें।

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