पूरे प्रदेश में फैला है नशे के कारोबार, विधानसभा में उठा नशे के अवैध कारोबार का मामला

Chhattisgarh Assembly Session: भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से प्रदेश में नशीले पदार्थों के अवैध बिक्री किए जाने का मामला विधानसभा में उठाते हुए कहा कि 4 जुलाई को को रायगढ़ जिले के लैलूंगा के कमरगा गांव की एक मां को नशे के आदि उसके पुत्र ने गला घोंटकर हत्या कर दी।

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जिस सरकार ने नशा बंदी और शराब बंदी का वादा कर गंगाजल की शपथ लेकर वोट की भीख मांगी थी, उसी सरकार ने सत्ता में आते ही अपने वादे को कूड़ेदान में डाल दिया और ठीक इसके विपरीत घर-घर में नशेड़ी बनाओं अभियान चला रखा है। घर के होनहार युवा को नशेड़ी बना देना उस घर को बर्बादी के मुहाने पर खड़े करने जैसा है।

बृजमोहन अग्रवाल (Chhattisgarh Assembly Session) ने कहा कि सरकार नशे के व्यापार में युवाओं की बिगड़ती स्थिति से न तो चिंतित है और न ही उसमें कोई नैतिक मूल्य है। अभी जून 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक व्यक्ति की गिरफ्तारी और छापेमारी के बाद 2,000 करोड से अधिक के शराब घोटाले का पर्दाफाश किया है। शराब और नशा माफिया दादागिरी के साथ नशे का अवैध व्यापार पूरे प्रदेश में फैला रखे है। स्कूल और कॉलेज के बच्चों को इस नशा माफिया ने अपने गिरफ्त में ले रखा है। प्रदेश का हर परिवार तबाह हो रहा है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ नशे (Chhattisgarh Assembly Session) का हब बन गया है। गली-गली में ड्रग्स, एमडी, मशरूका, चरस, गांजा, भांग, नशीली सीरफ, नशीली गोलियों, अवैध शराब का कारोबार व्याप्त है। स्कूलों, कॉलेजों व छात्रावास के नजदीक ड्रग्स माफिया व नशा माफिया अक्टूबर माह में रायगढ़ के खरसिया चौकी के अंजोरी पाली गांव में एक व्यक्ति छत में पानी टंकी में शराब भरकर नल से निकालकर बेचता था।

तेलीबांधा पुलिस ने 27 पेटी अवैध शराब जोरा में जप्त की। 21 दिसम्बर को रायपुर पुलिस ने 500 पैकेट नशीली दवाईया जप्त की। बसना पुलिस ने कम्हाडीपा पिरदा में अवैध शराब जप्त की। प्रदेश का ऐसा कोई जिला ब्लॉक व गांव नहीं जहाँ शासन एवं प्रशासन के संरक्षण में नशा का अवैध करोबार नही हो रहा है।

4 साल में छत्तीसगढ़ नशे का कॉरीडोर बन गया है। ड्रग्स, ब्राऊन शुगर, गांजा, नशीली सीरफ नशीली गोलियाँ एवं नशे के सामान छत्तीसगढ़ के गली-गली में अवैध रूप से बिक रहा है।

शराब का कारोबार सरकार कर रही है, जिसमें शराब एक ही व्यक्ति तीन-तीन कंपनियों के नाम से बना रहा है। वही तीनों कंपनियां ठेके में भाग ले रही है। ठेका देने वाले और लेने वाले एक ही है। सरकार ने पूरे राज्य के परिवारों को नशे के दलदल में ढकेल दिया है और माताओं, बहनों और बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो चुका है। सरकार के इस पीड़ादायक नीति के चलते पूरे प्रदेश में रोष एवं आक्रोष व्याप्त है।

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