Apara Ekadashi Puja: अपरा एकादशी आज, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की करें पूजा

Apara Ekadashi Puja: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हफ्ते का हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। आज कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे अपरा एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है। माना जाता है कि इससे हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं। पर सेहत की गड़बड़ी के कारण अगर कोई इस दिन व्रत न कर पाए, तो भगवान विष्णु और लक्ष्मी के साथ पीपल, तुलसी की पूजा कर सकते हैं। ऐसा करने से भी इस दिन व्रत का पुण्य फल मिलता है।

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मान्यताओं के मुताबिक अपरा एकादशी पर किए गए पूजन पाठ से हर तरह की परेशानियां दूर हो सकती हैं। इस दिन व्रत और उपवास करने की परंपरा है। कुछ लोग शारीरिक तकलीफ की वजह से व्रत नहीं कर पाते हैं। उनके लिए ग्रंथों में बताया गया है कि व्रत न रख पाएं तो भगवान विष्णु-लक्ष्मी के साथ पीपल और तुलसी (Apara Ekadashi Puja) की पूजा करने से भी व्रत-उपवास रखने जितना पुण्य मिलता है। एकादशी की सुबह पीपल और तुलसी को जल चढ़ाएं। पीपल की परिक्रमा करें। शाम को तुलसी के पास घी का दीपक लगाएं और तुलसी की परिक्रमा करें।

खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग

भगवान विष्णु को खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए। किसी मंदिर में जाकर गेहूं या चावल का दान करें। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और तुलसी की माला चढ़ाएं। एकादशी व्रत रखने वाले को अन्न नहीं खाना (Apara Ekadashi Puja) चाहिए। इस दिन घर के किसी भी व्यक्ति को चावल भी नहीं खाना चाहिए। चावल से बनी चीजों को भी खाने से बचना चाहिए। गुस्सा नहीं करना चाहिए। घर में या बाहर किसी भी तरह के झगड़े और क्लेश से बचना चाहिए। वरना व्रत का फल नहीं मिल पाता है। सुबह देर तक न सोएं। किसी भी तरह का नशा न करें। व्रत करने वाले को झूठ और गलत कामों से भी बचना चाहिए।

देवी लक्ष्मी के लिए व्रत  

इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के लिए व्रत उपवास करना चाहिए। गुरुवार को एकादशी होने से इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया है। अपरा एकादशी और गुरुवार के योग में किए गए व्रत-उपवास से कुंडली (Apara Ekadashi Puja) के गुरु ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस तिथि पर कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि इस एकादशी तिथि पर भगवद् गीता का पाठ जरूर करना चाहिए। गीता का पाठ करें या सुनें। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। ऐसी मान्यता है। जो लोग वृद्ध हैं, उन्हें खासतौर पर इस एकादशी पर गाय का और अन्न का दान करना चाहिए। अगर गाय का दान करना संभव न हो तो किसी गौशाला में धन का दान करें।

व्रत करने पर आलस्य से बचना चाहिए

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे एकादशी व्रत करने से बचना चाहिए। बीमार व्यक्ति के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति के घर में इस तिथि के आसपास किसी मौत हो जाए, कोई सूतक है तो उन्हें भी व्रत नहीं करना चाहिए। एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को एक समय फलाहार (Apara Ekadashi Puja) करना चाहिए। इस दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। जो लोग ये व्रत करते हैं, उन्हें आलस्य से बचना चाहिए। सुबह जल्दी उठें और ईमानदारी से अपने काम करें। एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को पूजा-पाठ करनी चाहिए और भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करना चाहिए।

ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप

मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय। विष्णु जी के मंदिर जाएं। भगवान के दर्शन करें। तुलसी, पंचामृत और प्रसाद ग्रहण करें। जो लोग अपरा एकादशी व्रत करना चाहते हैं, उन्हें भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का विशेष अभिषेक करना चाहिए। तुलसी के साथ भगवान को मिठाई का भोग लगाएं। अभी गर्मी का समय चल रहा है। एकादशी पर जरूरतमंद लोगों को छाते का दान करें। किसी प्याऊ में मटके का और जल का दान करें। अगर संभव हो सके तो किसी सार्वजनिक जगह पर प्याऊ लगवाएं। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है।

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