Chaitra Navratri 2nd Day: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें मुहूर्त, विधि

Chaitra Navratri 2nd Day: चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन आज 10 अप्रैल दिन बुधवार को है. इस दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, विष्कम्भ और प्रीति योग, भरणी नक्षत्र है. आज के दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं.

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मां ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से व्यक्ति अपने कार्य में सफल होते हैं, हर विकट स्थिति से लड़ने की क्षमता पैदा होती है. मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उस व्यक्ति को जप, तप, त्याग, संयम आदि की प्राप्ति होती है. (Chaitra Navratri 2nd Day)

मां ब्रह्मचारिणी पूजा मुहूर्त 

चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू – 9 अप्रैल 2024 रात 08.30
चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त – 10 अप्रैल 2024, शाम 05.32
लाभ – सुबह 06.01 – सुबह 07.36
अमृत – सुबह 07.36 – सुबह 09.12
शुभ – सुबह 10.47 – दोपहर 12.22

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान कर लें।
पूजा की सारी सामग्री तैयार कर लें और आसन बिछाएं।
मां ब्रह्मचारिणी को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं।
इसके बाद भोगस्वरूप पंचामृत चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं।
साथ ही माता को पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें। बाद में आरती गाकर पूजा करें।

मां ब्रह्माचारिणी मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
2. दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

मां ब्रह्मचारिणी का भोग
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के बाद उन्हें शक्कर का भोग लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। (Chaitra Navratri 2nd Day)

मां ब्रह्मचारिणी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर। जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।

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