शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट, अब यहां विराजमान होंगे भगवान केदारनाथ
Kedarnath Dham : बुधवार को केदारनाथ (Kedarnath Dham) और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। सुबह 8:30 बजे से केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट बंद कर दिए गए।
इसकी तैयारियों के क्रम में बुधवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से श्री केदारनाथ मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित किया गया। इसके बाद 29 अक्टूबर को डोली अपने शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी।
वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान से दोपहर 12:09 बजे बुधवार को बंद किए गए। इसके बाद यमुना माता की डोली अपने मायके खरसाली के लिए प्रस्थान किया।
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Kedarnath Dham के कपाट बंद होने से पहले भक्तों ने किए दर्शन
बुधवार को सुबह पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। कपाट बंद होने की पूर्व संध्या पर हजारों की संख्या में भक्तगण बाबा केदारनाथ के दर्शन को पहुंचे।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद मंदिर परिसर में लाया गया। परिक्रमा के बाद डोली को मंदिर के अंदर प्रतिष्ठित कर दिया गया। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय सपरिवार श्री केदारनाथ धाम पहुंचे और पंचमुखी डोली की पूजा-अर्चना में शामिल हुए।
यम द्वितीया को बंद होते हैं यमुनोत्री धाम के कपाट
बता दें कि यमुनोत्री मंदिर गढ़वाल हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में, उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में 3,291 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर देवी यमुना को समर्पित है और इसमें देवी की एक काले संगमरमर की मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर अक्षय तृतीया को खुलता है और सर्दियों के लिए यम द्वितीया (दिवाली के बाद दूसरा दिन) को बंद हो जाता है।
Kedarnath Dham : बंद हो चुके गंगोत्री धाम के कपाट
गौरतलब है कि इससे पहले वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान से पूजा के बाद बुधवार, 26 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।
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मां गंगा की उत्सव डोली समारोह पूर्वक जयकारों के साथ मुखबा गांव के लिए रवाना हुई। मां गंगा का रात्रि विश्राम आज मां चंडी देवी (मार्कण्डेय पुरी) मंदिर में होगा। आज मां गंगा की उत्सव डोली भैया दूज के पर्व पर अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी।