गरियाबंद: धूमधाम से मनाया गया गोवर्धन पूजा-अन्नूकूट पर्व, श्री कृष्ण के समय से चली आ रही है यह परंपरा

गरियाबंद: जिले में गोवर्धन पर्व  (Govardhan Puja)धूमधाम से मनाया गया । गांधीव मैदान में गाय की पूजा की गई। पकवान बनाए और गायों को चावल के आटे से सने हाथ की छाप लगाई। पशुपालकों ने गौ माता को फूलों की माला पहनाकर आरती उतारी।

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गोवर्धन पूजा धूमधाम  (Govardhan Puja)से मनाया गया. दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचे और उन्होंने चावल से बनाए गए गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की. उन्होंने तरह-तरह के व्यंजन बनाकर भगवान को भोग लगाए. हर तरफ भक्तिमय वातावरण था. महिलाएं, पुरुष, बच्चे बुजुर्ग सभी मंदिर पहुंचे और यहां पर पूजा-अर्चना की.

पार्षद प्रतिनिधि छगन यादव ने कहा कि हर साल दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया और अन्नकूट प्रसाद का भोग लगाया गया. यह पूजा सदियों से दीपावली के बाद चली आ रही है. जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इस बार भी गांधी मैदान में विशेष इंतजाम किया गया है. सेल्फी प्वाइंट भी अलग से बनाए गए थे. भक्तों के लिए प्रसाद का विशेष इंतजाम किया गया है.

गोवर्धन पूजा  (Govardhan Puja) का चलन द्वापर युग से मनाया जाता है। पार्षद पदमा बाई यादव ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार संसार में पहले इंद्र की पूजा होती थी । कृष्ण के कहने पर वृंदावन वासियों ने गाय की पूजा शुरू की। इससे गुस्साए इंद्र ने तेज बारिश से पूरे राज्य को जलमग्न कर दिया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठा अंगुली में उठाकर इंद्र के घमंड को चूर कर दिया और बारिश से लोगों को बचाया। सात दिन बाद इंद्र ने अपनी हार मान ली। तभी से गोवर्धन पर्वत, गाय व भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। गांव में लोग चावल के आटे का पानी (बिस्वार) बनाकर गायों को लगाते हैं। साथ ही गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर भगवान कृष्ण की मूर्ति रखकर उसका अभिषेक करते हैं।

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