सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ फिर खोला मोर्चा, 11 मई से करेंगे पदयात्रा
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सचिन ने कहा कि मुख्यमंत्री की बातों से लगता है कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, सोनिया गांधी नहीं। अपने नेताओं को खुश करने के लिए बहुत सारे लोग बहुत सारी बातें करते हैं, चुगली करते हैं। ऐसी बातें मुझसे भी की जाती हैं, लेकिन मैं मंच पर ये कहूं तो यह शोभा नहीं देता है। पायलट ने कहा कि हमने दिल्ली जाकर अपनी बात कही। वसुंधरा जी के भ्रष्टाचार पर कई महीनों तक चिट्ठियां लिखीं। अनशन पर बैठा। तब भी जांच नहीं हुई। समझ में आ रहा है क्यों एक्शन नहीं लिया। अब मैं नाउम्मीद हूं। जनता ही भगवान है। (Sachin Pilot Allegation)
पायलट ने कहा कि जनता के सामने सभी को नतमस्तक होना पड़ता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ 11 मई को अजमेर से जयपुर तक यात्रा निकालेंगे। 125 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा होगी और इसमें 5 दिन का वक्त लगेगा। बता दें कि CM गहलोत ने 7 मई को धौलपुर में पायलट कैंप के विधायकों पर सियासी संकट के वक्त 10 से 20 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया था। गहलोत ने विधायकों को अमित शाह का पैसा वापस लौटाने की सलाह भी दी थी। गहलोत ने कहा था कि अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत इन सबने मिलकर हमारी सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया। राजस्थान में विधायकों को पैसे बांट दिए। यह लोग पैसा वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे चिंता लगी हुई है, ये वापस पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं? यह पैसा वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं? (Sachin Pilot Allegation)
वहीं अमित शाह से पैसे लेने के गहलोत के आरोपों पर पायलट ने कहा कि किसी पर भी आरोप लगा दो कि हजार करोड़ खा गया, एक लाख करोड़ खा गया, इसका कोई मतलब नहीं है। अगर पब्लिक लाइफ में किसी के पास कोई तथ्य, प्रमाण है तो कार्रवाई कर देनी चाहिए थी। अब तक वह क्यों नहीं की गई, जिन लोगों का पूरा राजनीतिक जीवन सिर्फ पैसे के दम पर पनपा हो, शायद उनको हर चीज में पैसा दिखाई देता है। ऐसा नहीं है, पब्लिक जज्बात और इमेज भी कोई चीज होती है। जिन लोगों की राजनीति सिर्फ पैसे के दम पर चलती आई हो, उन्हें अगर हर चीज में पैसा दिखता हो तो इसका मेरे पास कोई इलाज नहीं है।
पायलट ने कहा कि मेरे पर अगर कोई उंगली उठा सकता है तो बता दें। हम भी बड़े-बड़े पदों पर रहे हैं। इस तरह के आरोप लगाने से किसी का कोई लाभ नहीं होने वाला। आरोप मैं भी लगा सकता हूं। जुबान खोलने में किसी को क्या दिक्कत है, लेकिन हम संयमित रहे। तमाम गालियां खाने के बाद भी हमने पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़ा। आरोप लगाना आसान होता है, लेकिन पब्लिक को जवाब देना मुश्किल होता है। जिनके दम पर मुख्यमंत्री बने हैं, उन्हीं सोनिया गांधी को बदनाम कर रहे हैं। उन्हीं की आलोचना कर रहे हैं। ऐसे निराधार आरोप गंभीर राजनीति का परिचय नहीं हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। (Sachin Pilot Allegation)