Parsa Coal Block में पेड़ों की कटाई को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Parsa Coal Block: हाईकोर्ट ने परसा कोल ब्लॉक केस में गुरुवार को अहम सुनवाई की है. कोर्ट ने आधी रात को (Parsa Coal Block)पेड़ों की कटाई पर सख्त रवैया अपनाते हुए भूपेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पेड़ों की कटाई पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ स्टे आवेदन पर अगली सुनवाई के लिए 4 मई की तारीख तय की गई है.

परसा कोल ब्लॉक मामले में याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया गया कि करीब एक लाख से अधिक पेड़ों को काटे जाने का खतरा है. इस याचिका के तहत यह भी बताया गया कि 37 सरकारी कंपनी के नाम पर ब्लॉक लेकर निजी कंपनी अडानी को खदान सौंपा गया है. इस खदान में काम रुकवाने के लिए दिए गए आवेदन पर अब चार मई को सुनवाई होगी.

आज याचिका के तहत लगाए गए स्टे आवेदन और संशोधन आवेदन पर बहस होनी थी. लेकिन चीफ जस्टिस की खण्डपीठ के उपलब्ध न होने के कारण यह मामला जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चन्द्रवंशी की खण्डपीठ में सुनवाई के लिए भेजा गया. सुनवाई के दौरान बताता गया कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के नाम पर भूमि अधिग्रहण कर अडानी की स्वामित्व वाली कंपनी राजस्थान कॉलरी को भूमि सौंपी जा रही है.

छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में परसा कोयला खदान (Parsa coal mine ) के लिए अंतिम मंजूरी देने के बाद वन विभाग ने मंगलवार को क्षेत्र में पेड़ों की कटाई शुरू कर दी जिसका स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध किया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस महीने की छह तारीख को सरगुजा और सूरजपुर जिलों में स्थित परसा कोयला खदान (Parsa coal mine ) के लिए 841.538 हेक्टेयर वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग को अंतिम मंजूरी दी है.

इसे भी पढ़ें-Parsa coal mine के लिए पेड़ों की कटाई, ग्रामीणों ने जताया विरोध

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