Gaganyaan Mission : मिलिए भारत के 4 एस्ट्रोनॉट्स से, गगनयान मिशन से करेंगे अंतरिक्ष की यात्रा

Gaganyaan Mission : भारत अपनी पहचान अंतरिक्ष कार्यक्रमों में लगातार बनाता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे जहां उन्होंने वैज्ञानिकों के साथ महत्वपूर्ण संवाद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पीएसएलवी एकीकरण सुविधा सहित अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं उद्घाटन किया।

इसमें श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा सहित अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजना, इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई सेमी-क्रायोजेनिक्स एकीकृत इंजन और स्टेज परीक्षण सुविधा, और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में ट्राइसोनिक पवन सुरंग का उद्घाटन शामिल है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन के नामित अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को एस्ट्रोनॉट विंग सौंपे।

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विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में, प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन की समीक्षा की। वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष में जाने वाले चार वैज्ञानिकों से भेंट भी की। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो के वैज्ञानिक को सम्बोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कही। प्रधानमंत्री ने कहा की “हर राष्ट्र की विकास यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जो वर्तमान के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भी परिभाषित करते हैं। आज भारत के लिए यह ऐसा ही क्षण है, हमारी आज की पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली है जिसे जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कार्यों का यश मिल रहा है।”

चर्चा में क्यों ग्रुप कैप्टन नायर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा किया। साथ ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षण ले रहे चार टेस्ट पायलटों के नामों की घोषणा की। केरल के लिए गौरव की बात यह है कि इन चार टेस्ट पायलटों में से एक, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बी. नायर, केरल से ही ताल्लुक रखते हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह पिछले कुछ सालों से इस मिशन के लिए रूस में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। अब वह भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग (इसरो) की एक इकाई में इस मिशन की बारीकियों को समझ रहे हैं। (Gaganyaan Mission)

कैसे चुने गए 4 जांबाज?
अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए आवेदन करने वाले बहुत से टेस्ट पायलटों में से, 12 लोगों को सितंबर 2019 में बेंगलुरु में हुए पहले चरण के चयन में सफलता मिली। यह चयन भारतीय वायु सेना (IAF) के अधीन आने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) द्वारा किया गया था। कई चरणों के चयन के बाद, IAM और इसरो ने अंतिम 4 लोगों को चुना। 2020 की शुरुआत तक, इसरो ने चारों को शुरुआती प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा, जो कोविड-19 के कारण कुछ देरी के बाद 2021 में पूरा हुआ। उसके बाद से चारों को कई एजेंसियों और सशस्त्र बल की ओर से ट्रेनिंग दी जा रही है। इसरो अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न सिमुलेटरों से लैस करने पर काम कर रहा है। वे फिट रहने के लिए IAF के साथ नियमित रूप से उड़ान भरना जारी रखते हैं। (Gaganyaan Mission)

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