खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को किया सस्पेंड, एडहॉक कमेटी बनाने के निर्देश

Wrestling Federation of India: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) पर बड़ी कार्रवाई की है। साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के विरोध के बाद खेल मंत्रालय ने WFI अध्यक्ष संजय सिंह और उनकी पूरी टीम को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही WFI की मान्यता भी रद्द कर दी है। दरअसल, नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने इसी साल के अंत से पहले UP के गोंडा स्थित नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की घोषणा की थी, जिसके बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित कर दिया
बता दें कि WFI पिछले 11 महीनों से विवादों में घिरी हुई है। खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ यानी IOA से रेसलिंग फेडरेशन के मामलों के मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाने को कहा है। दरअसल, 3 दिन पहले 21 दिसंबर को ही WFI के चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए अध्यक्ष बने थे। नए अध्यक्ष की जीत के बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तरप्रदेश के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी। गोंडा भाजपा सांसद बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है। रेसलर्स ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। खेल मंत्रालय के WFI की नई टीम पर कार्रवाई के पीछे इसी को वजह माना जा रहा है। (Wrestling Federation of India) 

खेल मंत्रालय के इस फैसले पर साक्षी मलिक की मां कृष्णा मलिक ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी कुश्ती से संन्यास के फैसले पर दोबारा विचार करेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ पर पद्मश्री रखकर आए पहलवान बजरंग पूनिया ने सम्मान वापस लेने से इनकार कर दिया है। बजरंग ने कहा कि मैं पद्मश्री वापस नहीं लूंगा। न्याय मिलने के बाद ही मैं इस बारे में विचार करूंगा। बृजभूषण के करीबी की जीत के विरोध में ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था। पहलवान बजरंग पूनिया ने भी पद्मश्री लौटा दिया था। गूंगा पहलवान ने भी पद्मश्री लौटाने की घोषणा कर दी थी। (Wrestling Federation of India)

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने IOA प्रेसिडेंट को लेटर दिया है, जिसमें कहा है कि WFI के मामलों को नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड के मुताबिक नियंत्रित किया जाए। अगले आदेश तक IOA खिलाड़ियों की एंट्रीज, सिलेक्शन, इंटरनेशनल इवेंट्स और स्पोर्ट्स एक्टिविटी सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी निभाए। मंत्रालय ने आगे कहा कि रेसलिंग ओलिंपिक स्पोर्ट है और फेडरेशन IOA का मेंबर है। WFI के पूर्व पदाधिकारियों का अब भी कंट्रोल होने की वजह से फेडरेशन में गंभीर चिंता पैदा हो गई है। इस कारण IOA को एडहॉक कमेटी बनाने के लिए कहा गया है। (Wrestling Federation of India)

इधर, संजय सिंह ने खेल मंत्रालय के एक्शन पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि हमने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। हम सरकार से WFI का सस्पेंशन रद्द करने की मांग करेंगे। अगर सस्पेंशन नहीं हटाया गया तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। संजय सिंह ने कहा कि मैंने कहीं भी पहलवानों का कोई अपमान नहीं किया। मैंने गोंडा जिले के नंदनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में 3 दिवसीय नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया था, ताकि अंडर-15 और अंडर- 20 के बच्चों का साल न बर्बाद हो और वह कुश्ती चैंपियनशिप में हो जाएं। (Wrestling Federation of India)

केंद्रीय खेल मंत्रालय के भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित किए जाने पर पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 नेशनल आयोजित करने की घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि खेल आयोजन फिर से शुरू हों। केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अभी भी सरकार की ओर से स्पष्ट निर्णय नहीं आया है, सरकार निलंबन की बात कर रही है। सरकार को स्पष्ट होना चाहिए। हम सुनना चाहते हैं कि यह चुनाव रद्द कर दिया गया है। यह निलंबन क्या है? (Wrestling Federation of India)

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