युवा महोत्सव : साईंस कॉलेज मैदान में बिलासपुर के युवाओं ने दी पंडवानी की ओजपूर्ण प्रस्तुति, लोगों ने लिया भरपूर आनंद

Youth Festival : राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में चल रहे युवा महोत्सव में आज बिलासपुर जिले के युवाओं द्वारा पंडवानी की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का महोत्सव में मौजूद लोगों ने भरपूर आनंद लिया।

Youth Festival : क्या है पंडवानी

पांडव कथा या पंडवानी में ओजपूर्ण ढ़ंग से छत्तीसगढ़ी भाषा में महाभारत के कथानक की प्रस्तुति दी जाती है। पंडवानी का अर्थ पांडव कथा या महाभारत की कथा है। पंडवानी मूलतः एकल नाट्य है। इसमें कलाकार अपनी भाव-भंगिमा और ओजपूर्ण प्रस्तुति से महाभारत के कथानक को जीवंत कर देते हैं। महाभारत का नायक अर्जुन है, तो पंडवानी का नायक है भीम। छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में पंडवानी का गायन होता है। महाभारत की प्रस्तुति की पंडवानी शैली अत्यंत लोकप्रिय है।

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पंडवानी को देश विदेश में मिल चुकी है पहचान

पंडवानी की प्रस्तुति को देश-विदेश में सराहा गया है। पंडवानी गायन के लिए प्रसिद्ध कलाकारों में तीजन बाई का नाम सुप्रसिद्ध है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनेक आयोजनों में उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी है। उन्हें पंडवानी गायन के लिए पद्मश्री और पद्भूषण से भी अलंकृत किया गया है। हाल में ही पंडवानी गायन के लिए प्रसिद्ध कलाकार ऊषा बारले को पद्मश्री देने की घोषणा की गई है।

28 से 30 जनवरी तक चलेगा Youth Festival

बता दें कि भूपेश बघेल सरकार छत्तीसगढ़ में युवाओं के विकास और कौशल उन्मुखी के लिए लगातार प्रयासरत है। इस क्रम में सरकार कई आयोजन करवा रही है। आज शनिवार से राज्य स्तरीय युवा महोत्सव एवं लोक साहित्य सम्मेलन 2023 की शुरुआत हुई। 28 से 30 जनवरी तक चलने वाले राज्य स्तरीय युवा महोत्सव और छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्धाटन किया। सीएम के शुभ संदेश के साथ यह आयोजन शुरू हुआ।

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पारंपरिक वेशभूषा और व्यंजनों का फूड-फेस्ट भी

युवा महोत्सव में प्रदेशभर के 3 हजार से अधिक प्रतिभागी 38 विविध विधाओं में शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ी ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंधित खेल फुगड़ी, भौंरा, गेड़ी दौड़, कबड्डी एवं खो-खो के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी लोक-गीत और लोक-नृत्य करमा, राउत नाचा, पंथी, सरहुल, सुवा, बस्तरिया नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में दिखाई देगी। साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति से संबंधित चित्रकला, छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभूषा और व्यंजनों का फूड-फेस्ट का आयोजन महोत्सव में किया जाएगा।

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