संसद में एक दिन में 78 सांसद किए गए सस्पेंड, जानिए क्या है कारण

78 Opposition MP Suspended: शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही में बाधा डालना कई सांसदों को महंगा पड़ा है। दरअसल, संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने (18 दिसंबर) को लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया। इसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने लोकसभा से नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी समेत  33 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया।

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इधर, कांग्रेस के जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कुल 34 विपक्षी सांसद, टीएमसी के सुखेंदु शेखर रे और शांतनु सेन; राजद के मनोज कुमार झा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। राज्यसभा में सदन के नेता, पीयूष गोयल ने कहा, “34 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। 11 सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है।  कुल 45 राज्यसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। वे नहीं चाहते थे कि सदन सुचारू रूप से चले, ये उनकी पूर्व नियोजित रणनीति थी।

इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है। विपक्ष-रहित संसद के साथ, मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है। (78 Opposition MP Suspended)

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “विधायकों ने कई समस्याओं को सदन में उठाया था। वित्त विभाग के पाबंदियों के कारण, बजट और फंड ना देने के कारण पूरी सरकार के काम बाधित हो रहे हैं। लोगों के काम बाधित हो रहे हैं, लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। सभी सदस्यों के कहने पर स्पीकर साहब ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव मिस्टर वर्मा को बुलाया था। 2 बार बुलाने पर भी वे नहीं आए इसलिए सबकी सहमति से स्पीकर ने मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा है।

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