Ayodhya Ram Mandir : 30 साल से मौन हैं 85 साल की सरस्वती देवी, अब रामलला के चरणों में तोड़ेंगी व्रत

Ayodhya Ram Mandir : सरस्वती देवी की उम्र 85 साल है। वे झारखंड के धनबाद में रहती हैं। करीब 30 साल से मौन व्रत में हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने यह संकल्प लिया था। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही उनका संकल्प भी पूरा होगा। वे रामलला के चरणों में ही अपना व्रत तोड़ेंगी। ‘राम नाम’ के साथ ही उनका ये व्रत टूटेगा।

सरस्वती देवी ने 1992 में मौन व्रत शुरू किया था। संकल्प लिया था कि राम मंदिर बनने के बाद ही अपना व्रत तोड़ेंगी। प्राण-प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीक आने के साथ ही धनबाद के करमटांड़ में रहने वाली सरस्वती देवी बहुत प्रसन्न हैं। वे लिखकर बताती हैं, “मेरा जीवन सफल हो गया। रामलला ने मुझे प्राण-प्रतिष्ठा में बुलाया है। मेरी तपस्या, साधना सफल हुई। 30 साल बाद मेरा मौन व्रत ‘राम नाम’ के साथ टूटेगा। (Ayodhya Ram Mandir)

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उन्हें प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का न्योता मिल चुका है। इस न्योते से उनका पूरा परिवार खुश है। उनके भाई 8 जनवरी 2024 को उन्हें अयोध्या लेकर जाएँगे। बेटे हरिराम अग्रवाल के मुताबिक, मई 1992 में सरस्वती देवी अयोध्या में राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास से मिलीं थी। तब महंत दास ने उन्हें कामतानाथ पर्वत की परिक्रमा करने को कहा था।

इसके बाद वो चित्रकूट चली गईं। उन्होंने साढ़े सात महीने कल्पवास में एक गिलास दूध के सहारे निकाला और हर दिन कामतानाथ पर्वत की 14 किलोमीटर की परिक्रमा की। परिक्रमा करने के बाद अयोध्या लौटने पर 6 दिसंबर 1992 को स्वामी नृत्य गोपाल दास के कहने पर उन्होंने मौन धारण कर लिया। (Ayodhya Ram Mandir)

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