छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के TCOC के दौरान फोर्स ज्यादा आक्रामक, 10 दिन में 24 नक्सलियों को किया ढेर
Naxal Action in CG: छत्तीसगढ़ में मार्च से नक्सलियों का TCOC (टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन) चल रहा है, जो जून के पहले हफ्ते तक चलेगा। इस दौरान नक्सली बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। हालांकि इस बार TCOC के दौरान पुलिस फोर्स ज्यादा आक्रमक है। 6 अप्रैल को सुबह छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 25 लाख रुपए के इनामी हार्ड कोर नक्सली समेत 3 को ढेर कर दिया। इसी तरह पिछले 10 दिनों में ही फोर्स ने दक्षिण बस्तर में 24 नक्सलियों को मार गिराया है। इनमें 22 बीजापुर और एक-एक नक्सली दंतेवाड़ा और सुकमा में मारे गए हैं। शनिवार को भी छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर CG पुलिस और तेलंगाना की ग्रेहाउंड फोर्स ने संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च किया था। इस दौरान उसूर थाना क्षेत्र के पुजारी कांकेर इलाके में जमकर गोलीबारी हुई थी।
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मुठभेड़ रुकने के बाद पुलिस से मौके से 3 नक्सलियों का शव बरामद किया। एक की पहचान नक्सलियों के सेंट्रल रीजनल कमेटी मेंबर सागर के रूप में हुई। इस पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था। मारे गए 2 नक्सलियों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस का दावा है कि बड़े लीडर के साथ उसकी टीम में थे। ऐसे में ये भी इनामी होंगे। मुठभेड़ स्थल से एक AK-47, LMG समेत कई हथियार और विस्फोटक सामान बरामद किया गया है। पुलिस इसे अपनी बड़ी कामयाबी मान रही है। पुलिस का दावा है कि इस मुठभेड़ में कुछ नक्सली घायल हुए हैं, जिन्हें उनके साथी मौके से लेकर भागने में कामयाब रहे। 2 अप्रैल को बीजापुर जिले के लैंड्रा के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी। (Naxal Action in CG)
12 घंटे से ज्यादा चली इस मुठभेड़ में जवानों ने कुल 13 नक्सलियों को ढेर किया था। इसमें तीन महिला नक्सली भी शामिल थी। बस्तर के नक्सल इतिहास में पुलिस का यह नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा और सबसे सफल ऑपरेशन रहा। दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा इन तीन जिलों को दक्षिण बस्तर कहा जाता है। पिछले 10 दिनों में इन तीन जिलों में पुलिस ने अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल 24 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जवान अब भी ऑपरेशन पर हैं। सिर्फ बीजापुर में ही 22 नक्सलियों को मार गिराया गया है। सुकमा और दंतेवाड़ा जिले में एक-एक नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं। इन तीनों जिलों में पुलिस ने भारी संख्या में हथियार, विस्फोटक और सामान भी बरामद किया है। (Naxal Action in CG)
TCOC में बड़ी घटनाओं को अंजाम देते थे नक्सली
बता दें कि हर साल मार्च से मई तक नक्सलियों का TCOC महीना चलता है। इस दौरान वे अपने संगठन में लड़ाकों की भर्ती करते हैं। पिछले कुछ सालों में नक्सलियों ने TCOC के दौरान ही कई बड़ी वारदात को अंजाम दिया हैं। इसमें बुरकापाल, झीरम, टेकलगुड़ा, अरनपुर IED ब्लास्ट जैसी घटनाएं शामिल हैं। इन सभी वारदातों में सैकड़ों जवानों की शहादत हुई है, लेकिन इस बार पुलिस फोर्स का नक्सलियों के खिलाफ जबरदस्त सर्जिकल स्ट्राइक चल रहा है। नक्सली गर्मियों में TCOC चलाते हैं, जिसमें नक्सली अपने वारदातों को बढ़ा देते हैं। ज्यादातर हत्याओं को नक्सली इसी TCOC के दौरान अंजाम देते हैं। नक्सली अपनी ताकत को इसी दौरान बढ़ाते हैं और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। TCOC के दौरान पुलिस भी काफी सतर्क होती है। नक्सलियों के मूवमेंट पर पुलिस की पैनी नजर होती है। TCOC में पुलिस ज्यादा मुस्तैदी से जवाबी कार्रवाई करती है। (Naxal Action in CG)