अमेरिका ने चीन से छीना विकासशील देश होने का दर्जा, इस वजह से उठाया कदम

America China News: अमेरिकी संसद ने चीन को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, अमेरिकी सीनेट ने एक नए कानून को मंजूरी दी, जिसके मुताबिक चीन को अब अमेरिका किसी भी सूरत में विकासशील देश का दर्जा नहीं देगा। अमेरिका के इस कदम का चीन की अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त असर पड़ेगा। वर्ल्ड बैंक और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से उसे अब आसानी से और कम ब्याज पर लोन नहीं मिल सकेगा। चीन डेवलपिंग कंट्री स्टेटस की वजह से खुद आसान और सस्ता कर्ज लेता था, लेकिन गरीब देशों को कठोर शर्तों पर लोन देकर उन्हें कर्ज के जाल में फंसा लेता था।

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बता दें कि मार्च में पहली बार अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में एक बिल लाया गया। इसकी खास बात ये थी कि इसका मकसद सिर्फ चीन पर लगाम कसना था। जब इस पर वोटिंग हुई तो सभी 415 सांसदों ने इस बिल के पक्ष में वोट दिया। एक भी सांसद ने इसका विरोध नहीं किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक 9/11 हमले के बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब हर सांसद एक बिल के पक्ष में था। अब सीनेट ने भी बिना किसी फेरबदल के इस बिल पर मुहर लगा दी। जाहिर है डेमोक्रेट्स हों या अपोजिशन में बैठे रिपब्लिकन्स, दोनों ही चीन को सबक सिखाने के मूड में थे। संसद में बिल पर एकराय है, लिहाजा प्रेसिडेंट जो बाइडेन भी फौरन मंजूरी दे देंगे। (America China News)

इस बिल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन करेंगे। ये ब्लिंकन ही थे, जिन्होंने संसद में कहा था कि चीन अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी और विकसित देश है। लिहाजा उसके स्टेटस में बदलाव जरूरी है। संसद ने माना कि चीन को अब सुविधाएं और राहत नहीं दी जा सकती, जो एक डेवलपिंग कंट्री को मिलती हैं। वो दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है। उसके पास बड़ी और ताकतवर फौज है। इसके अलावा उसने दुनिया के कई हिस्सों में अरबों डॉलर के इन्वेस्टमेंट किए हैं। बिल के मुताबिक ये शीशे की तरह साफ है कि चीन डेवलपिंग कंट्री स्टेटस का नाजायज फायदा उठा रहा है। (America China News)

चीन ने सस्ता कर्ज हासिल किया। इसके बाद लोन को गरीब देशों को महंगी ब्याज दरों पर दिया। इसका नुकसान ये हुआ कि गरीब और विकासशील देश चीन के कर्ज जाल में फंसते चले गए। अब वो इन देशों की जमीन और संस्थानों पर कब्जा कर रहा है। शी जिनपिंग और उनकी सरकार को लगता है कि दुनिया उनकी हरकतों को समझ नहीं पा रही है। ये उनकी सबसे बड़ी गलतफहमी है और यही उनके लिए तबाही का सबब बनेगी। (America China News)

वहीं इंडो-पैसिफिक में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया उसका रास्ता रोक देंगे और वह इन चार देशों से जंग करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। जानकारों के मुताबिक चीन का डेवलपिंग कंट्री स्टेटस छीने जाने का मतलब साफ है कि अमेरिका अब चीन को और बर्दाश्त नहीं करेगा। इस फैसले के बाद देखेंगे कि अब चीन के कई प्रोजेक्ट्स पर अमेरिका और उसके सहयोगी देश किस तरह लगाम कसते हैं और चीन इनका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा। सच्चाई ये है कि दुनिया आज भी डॉलर से चल रही है और चीन इसे रोक नहीं सकता। अब देखना होगा कि अमेरिका के इस फैसले का चीन पर क्या और कैसा असर पड़ता है। (America China News)

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