
Chhattisgarh Nikay Chunav : जब पूरे छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है, तब गरियाबंद जिले के ग्राम रावंडिकी ने लोकतंत्र की एक नई मिसाल पेश की है। गांव के सभी नागरिकों ने आपसी सहमति और समंजस से अपने सरपंच और 10 पंचों का निर्विरोध चयन कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
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गांववासियों ने यह साबित कर दिया कि राजनीतिक गुटबाजी और मतभेदों से परे रहकर भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से पूरा किया जा सकता है। यह निर्णय न केवल गांव के विकास और एकता को प्राथमिकता देता है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
सर्वसम्मति से चुने गए जनप्रतिनिधि
रावंडिकी ग्राम पंचायत में भादु राम धुर्व को सरपंच के रूप में चुना गया है। उनके साथ कुल 10 पंच भी निर्विरोध चुने गए, जिनमें 6 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल हैं। यह निर्णय महिलाओं की भागीदारी को भी बढ़ावा देता है, जो ग्रामीण विकास और समावेशी नेतृत्व की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
चुने गए जनप्रतिनिधि इस प्रकार हैं
✅ सरपंच: भादु राम धुर्व
✅ महिला पंच: श्यामा बाई धुर्व, राम बाई धुर्व, दुलेश्वरी निषाद, संगीता नेताम, सुनीति बाई साहू, हेमा धुर्व
✅ पुरुष पंच: छन्नू लाल साहू, बिसाहु सोरी, दुर्गेश कुमार कुंजाम, परमेश्वर नेताम
गांववालों का उद्देश्य: राजनीति से ऊपर उठकर विकास पर जोर
गांव के नागरिकों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने राजनीतिक विवादों से दूर रहकर विकास और सामाजिक समरसता को प्राथमिकता दी है। उनका कहना है कि चुनावों में अक्सर गुटबाज़ी, तनाव और आपसी मतभेद देखने को मिलते हैं, जिससे गांवों की प्रगति प्रभावित होती है। लेकिन रावंडिकी ने दिखा दिया कि सामूहिक सहमति से बड़े से बड़े निर्णय शांतिपूर्ण ढंग से लिए जा सकते हैं।
गांव के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने इस पहल पर गर्व जताते हुए कहा
हमारा मकसद सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि पूरे गांव को एकजुट रखना और विकास की ओर बढ़ाना है। राजनीतिक गुटबाजी से गांवों का नुकसान होता है, इसलिए हमने सभी को मिलाकर सर्वसम्मति से प्रतिनिधियों का चयन किया।
प्रशासन ने की गांववासियों के प्रयासों की सराहना
इस फैसले की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने भी गांववासियों के प्रयासों की प्रशंसा की और इसे सामाजिक सौहार्द और विकास की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम बताया। निर्विरोध चुनाव से गांव में आपसी सद्भाव को और बल मिलेगा और यह पहल अन्य गांवों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकती है।
रावंडिकी गांव का संदेश: लोकतंत्र, एकता और विकास को अपनाएं
रावंडिकी गांव का यह कदम केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए लोकतंत्र की सशक्त मिसाल बन सकता है। जहां अक्सर चुनावों में संघर्ष और प्रतिस्पर्धा देखी जाती है, वहीं इस गांव ने यह संदेश दिया है कि समझदारी और आपसी सहमति से भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है। (Chhattisgarh Nikay Chunav)
➡ क्या यह पहल अन्य गांवों के लिए एक नया आदर्श बनेगी?
➡ क्या राजनीति से ऊपर उठकर एकता और विकास को प्राथमिकता देने का यह प्रयास देशभर में अपनाया जाएगा?
रावंडिकी गांव की यह पहल निश्चित रूप से ग्रामीण राजनीति के नए युग की शुरुआत कर सकती है। (Chhattisgarh Nikay Chunav)