
Akhilesh Yadav on Mahkumbh Bhgdad : लोकसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ भगदड़ (Akhilesh Yadav on Mahkumbh Bhgdad ) के मृतकों का आंकड़ा संसद में जारी किया जाए. लोग पुण्य कमाने आए थे. वहां से वे अपनों की लाशें लेकर गए. महाकुंभ हादसे के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए. अखिलेश ने कहा, ”उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त नहीं की. जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया. ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते।
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सपा प्रमुख ने कहा कि कुंभ कोई पहली बार नहीं हो रहा है। इसका आयोजन सदियों से होता आया है। जिसका भी राज रहा होगा उसने महाकुंभ और इस तरह के आयोजन का प्रबंध किया होगा। एक तरफ 144 साल बाद होने जा रहे कुंभ का इतना प्रचार किया। हम लोग टीवी चैनलों पर सुनते रहे कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। यदि ये बात गलत है तो मैं रिजाइन (इस्तीफा) आपको देना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ की जो तैयारी हुई। हम लोगों ने जो जाना वहां पर, महाकुंभ में न केवल 114 साल का दुर्लभ संयोग बताया गया बल्कि ये भी कहा गया कि धरती पर इस तरह का डिजिटल और जो आधुनिक चीजें हैं टेक्नोलॉजी उसका इस्तेमाल करके महाकुंभ होने जा रहा है। सीसीटीवी, ड्रोन, लाइव स्ट्रीमिंग के आधार पर जिनका दावा था कि वो डिजिटल कुंभ करा रहे हैं, वो मृतकों की डिजिट नहीं दे पा रहे हैं। एक तरफ तो डिजिटल, डिजिटल कहने को थकते नहीं हैं लेकिन जब कुंभ में इतना बड़ा हादसा हो गया है तो सरकार डिजिट नहीं दे पा रही है। कुंभ में हमारे अपने लोग मारे गए हैं जिसमें परिवार का हर रिश्ता दिवंगत हुआ है। किसी की माता-पिता, किसी की बहू, चाचा-चाची, बच्चों के आंकड़े तो अभी तक नदारद हैं। खोया-पाया केंद्र को भी लोग ढूंढ नहीं पा रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि यदि यहां लोग ये नहीं सुन पा रहे हैं। ये कहा कि गया कि ये महाकंभ 144 वर्षों के बाद हो रहा है लेकिन जो लोग ज्योतिष समझते होंगे वे जानते होंगे कि हर महाकुंभ 144 वर्ष के बाद होता है। लेकिन ये कहा गया कि नक्षत्र ऐसे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि सतयुग से कलयुग तक यह सनातन परंपरा रही है कि संत-महात्मा-साधु समाज मुहूर्त के हिसाब से शाही स्नान करते हैं। उसमें नक्षत्रों के हिसाब से जो संयोग बनता है वही शाही स्नान का मुहूर्त होता है। लेकिन भाजपा के राज में अनादि काल यह सनातन परंपरा टूट गई। जब देश भर में ये बात उठी तो उन्होंने फिर से आदेश दिया कि हादसे को छिपाकर अखाड़े शाही स्नान करने जाएं। इससे सरकार ने पावन मुहूर्त के स्थान पर अपने मनमाने समय पर स्नान कराने का आदेश दिया। बात उस दिन या तिथि की नहीं होती है बल्कि निश्चित मुहूर्त काल की होती है। यह इन्होंने अच्छा नहीं किया। (Akhilesh Yadav on Mahkumbh Bhgdad)